उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ उनकी पुस्तक में ‘‘आपत्तिजनक’’ सामग्रियों के जरिए धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के लिए एक मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की शिकायत के आधार पर रिजवी और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जानिए किन धाराओं के आधार पर दर्ज हुआ मामला
भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153 ए (धर्म के आधार पर लोगों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 295 ए (किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक आस्था का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना) और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का लगा आरोप
ओवैसी ने बुधवार को हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार के पास रिजवी के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी। ओवैसी ने शिकायत में कहा, “हिंदी में लिखी गई किताब में इस्लाम और उसके अनुयायियों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है।”
उन्होंने कहा, “किताब की सामग्री और आपत्तिजनक बयानों को उन लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करने के मकसद से लिखा गया है जो पैगंबर मोहम्मद के अनुयायी हैं और इस्लाम के सिद्धांतों को मानने वाले हैं।” ओवैसी ने कहा कि रिजवी के बयान का लक्ष्य भारत के मुस्लिमों के विरुद्ध शत्रुता की भावना पैदा करना है।