उत्तर प्रदेश के घोसी सीट से बीएसपी सांसद अतुल राय पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली युवती और उसके साथी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह की कोशिश के मामले में वाराणसी के दो पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं पूरे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय संयुक्त टीम गठित की गई है।
पुलिस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि इस मामले में कैंट थाना प्रभारी राकेश सिंह और विवेचक गिरिजा शंकर को निलंबित कर दिया गया है। दो सदस्यीय टीम में आईपीएस आरके विश्वकर्मा और आईपीएस नीरा रावत मामले की हर पहलू की संयुक्त जांच करेंगे। यह टीम पीड़ित युवती द्वारा पुलिस के अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य व्यक्तियों पर लगाए गए आरोपों की जांच कर शासन को दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
गौरतलब है कि बलिया की रहने वाली युवती ने 2019 में बसपा सांसद अतुल राय पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए वाराणसी के लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता का आरोप था कि अतुल राय ने अपने लंका स्थित फ्लैट पर उससे बलात्कार किया और उसका वीडियो भी बना लिया। इस मामले में सांसद अतुल राय जेल में बंद हैं।
वहीं, सांसद के भाई पवन कुमार सिंह ने मख्य न्यायिर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में युवती और उसके साथी सत्यम राय के खिलाफ गिरोह बनाकर हनी ट्रैप और जालसाजी करने की शिकायत की थी। पवन का आरोप था कि दोनों मिलकर राजनीति से जुड़े लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं और पैसों की वसूली करते हैं। कोर्ट ने कैंट पुलिस को युवती और उसके सहयोगी पर धोखाध़ड़ी का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
निर्देश के मुताबिक इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए दबिश देनी शुरू की लेकिन दोनों आरोपी फरार हो गए। गिरफ्तारी न हो पाने पर कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इस पर पीड़िता और उसके साथी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की।
आत्मदाह के पूर्व पीड़िता ने फेसबुक लाइव पर आकर वाराणसी के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक, कोतवाल राकेश सिंह, विवेचक गिरिजा शंकर सहित कई अधिकारियों पर आरोप लगाया था। आत्मदाह की कोशिश में 27 वर्षीय युवक 65 प्रतिशत, जबकि 24 वर्षीय युवती 85 प्रतिशत तक झुलस गई थी। दोनों में से कोई भी पुलिस को बयान देने की स्थिति में नहीं हैं।