सीबीआई ने उन्नाव गैंगरेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को शनिवार शाम करीब साढ़े तीन बजे सीबीआई कोर्ट में भारी सुरक्षा के साथ पेश किया। सीबीआई कोर्ट के एसीजेएम सुनील कुमार ने अपहरण, रेप, पोक्सो एक्ट के तहत पेश किए कुलदीप को पहले 28 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
इसके बाद सीबीआई के विवेचक डिप्टी एसपी आरआर त्रिपाठी की अर्जी पर कोर्ट ने उसी समय से 21 अप्रैल की सुबह 10 बजे तक आरोपी विधायक की रिमांड स्वीकृत कर दी। विधि संवाददाता के मुताबिक विवेचक आरआर त्रिपाठी ने कोर्ट से कहा कि इस प्रकरण में उनकी जांच अभी चल रही है। लिहाजा इस मामले में अभी बहुत तथ्य पता करने है। इसके लिये पीड़िता का विधायक से आमना-सामना भी कराया जाना है।
साथ ही विधायक को उन्नाव लेकर जाना है। इस पर ही कोर्ट ने रिमांड स्वीकृत कर दी। सीबीआई ने कोर्ट के समक्ष यह भी कहा कि कुलदीप सिंह सत्ताधारी पार्टी के बांगरमऊ सीट से विधायक है और बहुत प्रभावशाली है। वह मौखिक तौर पर कहकर दस्तावेजों साक्ष्यों को नष्ट करवा सकते हैं। इस मामले में नामजद सह अभियुक्तों और गवाहों से भी उनका आमना-सामना कराया जाना जरूरी है।
कोर्ट में पेशी के लिए जब कुलदीप ले जाए गए तो मीडिया का जमावाड़ा देख कर उन्होंने खुद को काफी सामान्य दिखाने का प्रयास किया। वह बीच में हंसे भी लेकिन मजिस्ट्रेट के न आने तक वह बीच-बीच में परेशान भी नज़र आए। करीब 4.15 बजे मजिस्ट्रेट के आने के बाद सुनवाई शुरू हुई तो उन्होंने फिर खुद को सामान्य रखने की कोशिश की। सुनवाई के दौरान विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के वकील सत्येन्द्र सिंह ने सीबीआई की कस्टडी रिमांड अर्जी का विरोध नहीं किया। इसको लेकर कोर्ट में काफी हलचल रही।
सीबीआई कोर्ट ने विधायक को यह राहत जरूर दी है कि वह रिमाण्ड अवधि के दौरान रोजाना सुबह 10 बजे व शाम छह बजे अपने वकीलों से विधिक राय ले सकते हैं। उन्होंने सीबीआई से कहा कि इसके लिए विधायक को छूट दी जाए और उन्हें उनके वकीलों से इस समय के लिए मिलने दिया जाए। कुलदीप ने कोर्ट में किसी से ज्यादा बात नहीं। पर, परिसर से निकलते समय उन्होंने सिर्फ इतना बोला कि उन्हें भगवान व अदालत पर पूरा भरोसा है। उनके साथ न्याय होगा और वह पूरी तरह से इस मामले में निर्दोष है। इसके बाद उनसे कई सवाल पूछे गये लेकिन उन्होंने किसी का जवाब नहीं दिया।
देश और दुनिया का हाल जानने के लिए जुड़े रहे पंजाब केसरी के साथ