उन्नाव के बहुचर्चित रेप पीड़िता कार एक्सीडेंट केस में आए एक ट्वीट से केस में एक नया मोड़ सामने आया है। ट्रक मालिक द्वारा फाइनेंसर पर फाइनेंस किए गए ट्रक जब्त करने की धमकी के आरोप पर फाइनेंसर का कहना है कि उसने कभी भी ट्रक मालिक देवेन्द्र पाल सिंह को फाइनेंस किए गए ट्रक जब्त करने की धमकी दी ही नहीं।
वहीं , पुलिस को दिए ब्यान में ट्रक ड्राइवर ने कहा था कि जिस ट्रक से पीड़िता, उसके वकील, और परिवार के सदस्यों को टककर मारी गई थी, उसकी नंबर प्लेट को इसलिए रंगा गया था ताकि फाइनैंसर उसे जब्त ना कर सके।
पाल का कहना था की वह ट्रक की कुछ इन्स्टालमेन्ट नहीं दे पाए थे। उन्हें डर था कि कहीं फाइनेंसर उनका ट्रक जब्त न कर ले इसलिए उन्होंने ट्रक की नंबर प्लेट पर कालिख पोत दी थी। सड़क हादसे से इसका कोई लेना देना नहीं है, और ये हादसा कोई सुनियोजित नहीं था।
रेप पीड़िता के परिवार द्वारा कराई गई एफआईआर में उन्होंने अपनी और परिवार की जान को खतरा बताते हुए गैंगरेप के आरोपी बीजेपी से निलंबित नेता कुलदीप सिंह सेंगर पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया था। इस हादसे में दो लोगों की मृत्यु हो गई थी जबकि रेप पीड़िता और उनके वकील की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
जानिए आखिर क्या था पूरा मामला
यूपी के उन्नाव शहर में 4 जून 2017 को एक 17 वर्षीय लड़की का कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था। इसे ही “उन्नाव बलात्कार मामले” के रूप में जाना जाता है। इस सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपी के रूप में भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर का नाम सामने आया था।
बीते महीने की 28 तारीख को रपे पीड़िता और उनके परिवार के सदस्य एक ट्रक हादसे का शिकार हो गए थे। जिसमे दो लोगों की मृत्यु जबकि रेप पीड़िता और उनके वकील की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। खबरों के अनुसार परिवार को धमकी दी गई थी जिसके बाद उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख मदद मांगी थी। 31 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश ने मामले को स्वीकार कर लिया।