कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने बताया कि पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की जिसमें विकास घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, कानपुर मुठभेड़ में कुल 21 अभियुक्त नामजद थे और 60 से 70 अन्य अभियुक्त थे। जिसमें से अब तक 3 लोग गिरफ्तार हुए हैं, 6 मारे गए हैं और आईपीसी की धारा 120B के तहत 7 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। 12 इनामी बदमाश वांछित चल रहे हैं।
Vikas Dubey Encounter : कानपुर शूटआउट से लेकर हिस्ट्रीशीटर के खात्मे तक, जानिए हर दिन का घटनाक्रम
उन्होंने बताया कि उज्जैन से कानपुर लाते हुए शुक्रवार को सुबह पुलिस का वाहन पलट गया। जिसके बाद वो पिस्तोल छीन कर भागने की कोशिश करने लगा तो पुलिसकर्मियों ने उसे आत्म समर्पण करने को कहा लेकिन विकास दुबे ने जान से मारने के लिए पुलिस टीम पर फायरिंग की। जिसके बाद सेल्फ डिफेंस में यूपी एसटीएफ ने उसे मारा, फिर उसे हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों उसे ने मृत घोषित कर दिया।
गौरतलब है कि दो तीन जुलाई की दरमियानी रात कानपुर के चौबेपुर इलाके के बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए पुलिस दल पर दुबे और उसके साथियों ने गोलियां बरसाई थीं, जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे। इसके बाद से पुलिस के साथ हुई अलग-अलग मुठभेड़ में दुबे के गिरोह के कई सदस्य मारे गए हैं।
तीन जुलाई की सुबह ही बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे मारे गए। आठ जुलाई को हमीरपुर के मौदहा में पुलिस ने 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश और विकास के खास अमर दुबे को मार गिराया था। वहीं नौ जुलाई को कानपुर मुठभेड़ में कार्तिकेय उर्फ प्रभात जबकि इटावा मुठभेड़ में प्रवीण उर्फ बउवा दुबे मारा गया।