उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिला अदालत परिसर में एक वकील की गोली मारकर की गई हत्या के बाद अधिवक्ताओं ने मंगलवार को शोक सभा की और अदालत परिसर में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर हत्या के आरोपी सुरेश गुप्ता ने कहा कि अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह ने उसके ऊपर गंभीर धाराओं में 24 मुकदमे कर रखे हैं तथा उसके विरुद्ध 300 से ज्यादा प्रार्थना पत्र दिए थे। आरोपी गुप्ता ने कहा कि ऐसे में उसने तमंचा लिया और सही मौका देखकर सिंह को गोली मार दी।
आरोपी कबूल कर चुका है अपना गुनाह
गौरतलब है कि जिला न्यायालय परिसर में सोमवार को सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसमें पुलिस ने एक दूसरे अधिवक्ता सुरेश गुप्ता को शाम को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी ने पत्रकारों के सामने अपना गुनाह कबूल भी किया था।
सेंट्रल बार एसोसिएशन के महासचिव अनिल त्रिवेदी ने बताया कि सोमवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) न्यायालय परिसर की तीसरी मंजिल पर स्थित कार्यालय में अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि सिंह के लिये आज शोक सभा हुई और इसके बाद तय किया गया है कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा बढ़ाई जाए और न्यायालय परिसर में बिना पहचान-पत्र देखे किसी को प्रवेश ना दिया जाए।
काला कोट पहनकर दिया वारदात को अंजाम
उन्होंने बताया कि अक्सर देखा जाता है कि अपराधी भी काला कोट पहनकर न्यायालय परिसर में प्रवेश कर जाते हैं और वह लोग ही घटना को अंजाम देते हैं। त्रिवेदी ने बताया कि बार काउंसिल के सचिव प्रशांत सिंह अटल ने शाहजहांपुर की घटना के विरोध में प्रदेश के न्यायालयों में पत्र भेजकर अवगत कराया है कि 20 अक्टूबर को अधिवक्ता न्यायिक कार्य नहीं करेंगे।
इसी बीच अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह की हत्यारोपी सुरेश गुप्ता ने पत्रकारों को बताया, “मेरे ऊपर सिंह ने चोरी, डकैती, हत्या, हत्या के प्रयास आदि समेत 24 मुकदमे दर्ज करा रखे हैं और जो भी मुकदमा न्यायालय से खत्म हो जाता है उसे यह पुनः चालू करवा देता था।” आरोपी सुरेश ने बताया, “सिंह ने 300 से ज्यादा प्रार्थना पत्र मेरे विरुद्ध दे रखे हैं...ऐसे में मैंने परेशान होकर एक तमंचा लिया और सही मौका देख कर अधिवक्ता को गोली मार दी।”
