उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में कोरोना के नए स्वरुप के मामले तेजी से बढ़ रहे है। ऐसे में कई कार्य ऑनलाइन हो रहे है, तो इसे देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार से प्रयागराज और लखनऊ दोनों में वर्चुअल मोड में कार्य करने का निर्णय लिया है। मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता में रविवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति की बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए 3 जनवरी से केवल ऑनलाइन मोड में ही सुनवाई होगी।
एक सप्ताह की अवधि के लिए कोई प्रतिकूल आदेश नहीं होगा
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संघ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है कि उसके अध्यक्ष प्रदीप कुमार और सचिव हरिकेश सिंह ने भी प्रतिनिधि के रूप में बैठक में भाग लिया। बैठक के बाद दोनों ने अधिवक्ताओं से 3 जनवरी से मामलों की वर्चुअल सुनवाई के लिए आवश्यक तैयारी करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, कम से कम एक सप्ताह की अवधि के लिए कोई प्रतिकूल आदेश नहीं होगा।
इसी तरह अवध बार एसोसिएशन, लखनऊ के महासचिव अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने और अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौधरी ने प्रशासनिक समिति की बैठक में भाग लिया, जिसमें कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मुद्दे पर चर्चा की गई। समिति ने पाया कि लखनऊ में प्रतिदिन कई मामलों का पता लगाया जा रहा है, जिसमें वर्चुअल सुनवाई को स्थानांतरित करने और ऑफलाइन सुनवाई को रोकने का आह्वान किया गया है।