उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी छोड़ने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बीजेपी छोड़ने वालों में अब तक का सबसे बड़ा नाम स्वामी प्रसाद मौर्य है। राज्य के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सदस्यों द्वारा पार्टी का साथ छोड़ने का कारण निजी फायदे और मनचाही सीट से टिकट नहीं मिलना बताया है।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में ओबीसी और दलितों को गुमराह किया जा रहा है। उन्हें (बीजेपी छोड़ने वाले विधायक) सपा द्वारा ओबीसी और दलितों के लिए 10 कल्याणकारी योजनाओं की सूची दें। सपा केवल मुसलमानों और यादवों के लिए काम करती है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि अन्य ओबीसी समुदाय कभी भी एम (मुसलमान) एंड वाई (यादव) में शामिल नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि इन विधायकों के बीजेपी छोड़ने के कई कारण हैं, कुछ अपने निजी फायदे के लिए जा रहे हैं, दूसरों को डर है कि उन्हें अपनी पसंद के निर्वाचन क्षेत्र से टिकट नहीं मिलेगा… इन लोगों ने 5 साल तक बीजेपी के साथ रहकर मलाई खाने का काम किया।
300 के पार जाएगा आंकड़ा
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आगे कहा, बीजेपी जनता से फीडबैक लेकर टिकट देती और काटती है, जब आपको पता चलता है तो आप भागोगे। अखिलेश जी के यहां तो दरवाजे खुले हुए हैं, सबको भर्ती कर लो, हमें कोई ऐतराज नहीं है। परिणाम वो ही आएगा 300 पार।
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गौरतलब है कि चुनावों से पहले बीजेपी का साथ छोड़ने वाले चेहरे सामने आने लगे है। पार्टी से 2 मंत्रियों समेत कई विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है। जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी, विधायक विनय शाक्य और विधायक मुकेश वर्मा समेत कई सदस्यों ने चुनाव से पहले बीजेपी से किनारा कर लिया है।
वहीं बीजेपी ने संभावित प्रत्याशियों की सूची में जिताऊ व टिकाऊ उम्मीदवार पर अपना भरोसा जतायाा है। सूत्रों के आधार पर बीजेपी अपनी पहली उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल कर चुकी है। जिसमें कई कद्दावर नेताओं के नाम होंगे।