उत्तर प्रदेश विधानसभा के संक्षिप्त मानसून सत्र के अंतिम दिन शनिवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के हंगामे के बीच सरकार ने 28 महत्वपूर्ण विधेयक पारित करा लिये जिसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दी गयी।
सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस और सपा के सदस्य कानून व्यवस्था और कोरोना समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर जोरदार हंगामा करने लगे और सोशल डिस्टेसिंग की परवाह किये बगैर वेल पर आकर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, कांग्रेसी विधायकों के साथोरिसर में स्थित पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास धरना पर बैठे। उनके साथ कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता अराधाना मिश्रा, एमलसी दीपक सिंह भी शामिल रहे।
सभी विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। तख्तियों में ‘कानून व्यवस्था ध्वस्त है योगी बाबा मस्त है’, ‘यूरिया की कालाबाजारी बंद करो’, ‘गन्ना मूल्य भुगतान करो’, ‘बुनकरों को पैकेज दो’, ‘नौजवानों को रोजगार दो’ जैसे स्लोगन लिखे। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विपक्षी सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की लेकिन हंगामा जारी रहा।
इसको देखते हुये सदन की कार्यवाही 25 मिनट के लिये स्थगित कर दी गयी लेकिन इस समयावधि बीतने के बाद भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। उधर भारी शोरशराबे के बीच संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विधेयकों को सदन के पटल पर रखा जिसे एक के बाद एक ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इससे पहले कहा गया था कि सरकार 17 विधेयक लायेगी लेकिन बाद में इनमें 11 विधेयक और जोड़ दिये गये।