यूपी उपचुनाव : जलालपुर सीट जीतने के समीकरण बनाने में जुटी भाजपा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

यूपी उपचुनाव : जलालपुर सीट जीतने के समीकरण बनाने में जुटी भाजपा

लोकसभा चुनाव के बाद हुए उपचुनाव में हमीरपुर सीट जीतने से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी अब 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अंबेडकर नगर की जलालपुर सीट पर जीत के समीकरण बनाने में जुटी हुई है।

लोकसभा चुनाव के बाद हुए उपचुनाव में हमीरपुर सीट जीतने से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अंबेडकर नगर की जलालपुर सीट पर जीत के समीकरण बनाने में जुटी हुई है। यहां कमल खिलाने के लिए भाजपा एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। इस सीट पर भाजपा का कमल हालांकि सिर्फ एक बार 1996 में ही खिल पाया है। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार और हाल में हुए घटनाक्रमों के माध्यम से पार्टी यह सीट जीतकर बसपा के किला को ढहाना चाहती है। 
साल 2017 में भाजपा के लहर के बावजूद बसपा के रितेश पांडेय ने इस सीट पर करीब 13 हजार वोटों से विजय हसिल की थी। अंबेडकर नगर को बसपा का गढ़ माना जाता रहा है। रितेश 2019 का लोकसभा चुनाव जीतकर अब सांसद बन चुके हैं और इसी कारण इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है। भाजपा ने इस सीट से पूर्व विधायक शेर बहादुर सिंह के पुत्र डा़ॅ राजेश सिंह को मैदान में उतारा है। बसपा ने विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा की पुत्री छाया वर्मा को मैदान में उतारा है तो सपा ने यहां से जिला पंचायत सदस्य रह चुके सुभाष राय पर अपना दांव लगाया है। 
भाजपा इस सीट को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव यहां पर कैम्प करके बूथ लेवल की कई पर बैठकें कर चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यहां से कई योजनाओं और शिलान्यास के माध्यम से भाजपा के पक्ष में माहौल बना चुके हैं। उनके न्याय एवं विधि मंत्री ब्रजेश पाठक यहां लगातार डेरा डाले हुए हैं। उनके साथ कई विधायक, मंत्री और संगठन के लोग जलालपुर जीतने के लिए दिन-रात एक करते दिखाई दे रहे हैं। 
बसपा इसे अपनी मजबूत सीट मानती है। सांसद रितेश पांडेय भी इस सीट पर धुआंधार प्रचार कर अपना जलवा बरकार रखने का प्रयास कर रहे हैं। सपा भी जमीनी ढंग से प्रचार में लगी है, लेकिन यहां पर भाजपा व बसपा का शोर ही ज्यादा सुनाई दे रहा है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अजीत सिंह का कहना है, “अभी तक देखा जाए तो यहां पर लड़ाई बसपा और भाजपा के बीच दिख रही है। यहां जातिगत समीकरण चुनाव हार-जीत के लिए मायने रखते हैं। यह सीट अभी तक सपा-बसपा के कब्जे में ही रही है। केवल एक बार यहां पर भाजपा का कमल खिला है। भाजपा के लिए यहां पर मुकबला कड़ा है, मगर चुनाव आते-आते समीकरण बदलने की संभावना है।” 
कहा जाता है कि पांच बार विधायक रहे शेर बहादुर समीकरण और जतीय संतुलन की गणित अच्छी जानते हैं। इसलिए भाजपा को उम्मीद है कि उनके पुत्र इस बार यहां कमल जरूर खिलाएंगे। भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथलेश त्रिपाठी का कहना है, “हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की योजनाओं का इतना लाभ मिला है कि जनता गदगद है। इसीलिए सबका साथ सबका विकास के आधार पर हम वोट मांग रहे हैं।” 
वहीं, सपा नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष महेंद्र सिंह का कहना है, “यहां पर अन्ना पशुओं की समस्या ने किसानों को परेशान कर रखा है। इसके अलावा बेरोजगारी चरम सीमा पर है। सपा के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। हमारे प्रत्याशी जमीनी हैं और उपचुनाव वही जीत रहे हैं।” बसपा कार्यकर्ता रिंकू उपाध्याय ने कहा, “बसपा के विधायक रहे रितेश पांडेय ने क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी पर इतना काम कर दिया है कि यहां कुछ बाकी नहीं रह गया है। जो भी दल मैदान में हैं, उनकी लड़ाई बसपा के साथ है। हम यह सीट जरूर जीतेंगे।” 
जलालपुर विधानसभा का इतिहास देखे तो सन् 1996 में यहां से भाजपा के शेर बहादुर चुनाव जीते थे। इस बार भाजपा ने उन्हीं के बेटे को मैदान में उतारकर बाजी पलटने का प्रयास किया है। शेर बहादुर की खसियत रही है कि जब भी उनके परिवार का कोई व्यक्ति चुनाव लड़ा है तो भाजपा को सम्मानजनक आंकड़े तक पहुंचाया है। 
शेर बहादुर के मुख्य मुकाबले में रहने वाले राकेश पांडेय के परिवार का कोई सदस्य चुनाव मैदान में नहीं है। शुरुआत में बसपा ने यहां से राकेश को टिकट दिया था, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के चलते वह चुनाव नहीं लड़े। इस सीट पर करीब तीन लाख 50 हजार मतदाता हैं, जिनमें 1 लाख 86 हजार पुरुष और 1 लाख 58 हजार महिलाएं शामिल हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 − 13 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।