उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सभी मदरसों में राष्ट्रगान लागू करने के बाद अब एक और फैसला लिया है। दरअसल मंगलवार को हुई कैबिनेट के बैठक के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है कि, अब से वर्ष 2003 तक के स्थाई मान्यता प्राप्त मदरसों को अनुदान नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा नए मदरसों पर भी यही नियम लागू होंगे। बता दें कि, यह फैसला राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर जारी किया गया है।
सपा के कार्यकाल में 146 मदरसों को अनुदान देने की सूची में किया गया था शामिल
दरअसल वर्ष 2003 में समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में मान्यता प्राप्त 146 मदरसों को अनुदान सूची में लिए जाने का निर्णय लिया गया था, जिसे अब मौजूदा योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पलट दिया है। सपा की सरकार में 146 मदरसों में से 100 मदरसों को अनुदान सूची में शामिल किया गया था, जबकि 46 मदरसों को अनुदान पर नहीं लिया जा सका था, जिसके खिलाफ मदरसों ने कोर्ट के रुख किया था।
सपा के कार्यकाल में 146 मदरसों को अनुदान देने की सूची में किया गया था शामिल
दरअसल वर्ष 2003 में समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में मान्यता प्राप्त 146 मदरसों को अनुदान सूची में लिए जाने का निर्णय लिया गया था, जिसे अब मौजूदा योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पलट दिया है। सपा की सरकार में 146 मदरसों में से 100 मदरसों को अनुदान सूची में शामिल किया गया था, जबकि 46 मदरसों को अनुदान पर नहीं लिया जा सका था, जिसके खिलाफ मदरसों ने कोर्ट के रुख किया था।

इस समय 560 मदरसों को दिया जा रहा है अनुदान
बता दें कि, इस समय प्रदेश में करीब 560 मदरसों को अनुदान दिया जा रहा है। इस अनुदान के तहत मदरसों के शिक्षकों, कर्मियों का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा हाल ही में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश के सभी मदरसों में राष्ट्रगान लागू करने का फैसला लिया था जिसे लेकर मुस्लिम पक्ष ने सहमति जाहिर की थी वहीं कुछ नेताओं ने विरोध किया था।
बता दें कि, इस समय प्रदेश में करीब 560 मदरसों को अनुदान दिया जा रहा है। इस अनुदान के तहत मदरसों के शिक्षकों, कर्मियों का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा हाल ही में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश के सभी मदरसों में राष्ट्रगान लागू करने का फैसला लिया था जिसे लेकर मुस्लिम पक्ष ने सहमति जाहिर की थी वहीं कुछ नेताओं ने विरोध किया था।
