उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ दुनियाभर में ताला बनाने के लिए जाना जाता है। यहां रहने वाले एक बुजुर्ग दंपत्ति ने पहले ऑर्डर पर 300 किलो का बड़ा ताला बनाया था और अब उससे भी बड़ा 400 किलो का ताला बना डाला। इसे दुनिया का सबसे बड़ा ताला कहा जा रहा है। ताले को अलीगढ़ की राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी (नुमाइश) में रखा गया है। प्रदर्शनी में आने वाले लोग इस विशाल ताले को देखकर हैरान हैं। बुजुर्ग दंपत्ति कहना है कि वो इस ताले को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को भेंट करना चाहते हैं।
गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया जाए
इस ताले को 30 किलो की चाबी से खोला और बंद किया जाता है, इसकी लंबाई 4 फुट है। यह भी बताया गया है कि एक लाख रुपये की लागत से बने इस ताले को बनाने में 6 महीने का समय लगा है। इस ताले पर रामदरबार की आकृति भी उकेरी गई हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि सत्यप्रकाश का कहना है कि ताले को 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया जाए तो बेहतर होगा। इसके लिए उन्होंने सीएम योगी और पीएम को पत्र भी भेजा है।
राजकीय कृषि प्रदर्शनी में रखा गया
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि यह ताला अलीगढ़ की राजकीय कृषि प्रदर्शनी में रखा गया है और वह इस जगह पर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लोग इसका दीदार कर रहे हैं और वहां सेल्फी भी ले रहे हैं। जल्द ही इस ताले को अयोध्या में राम मंदिर प्रशासन को सौंप दिया जाएगा। 65 साल के सत्यप्रकाश शर्मा का तालों का पुराना कारोबार है। वह ऑर्डर पर ताले तैयार कराते हैं और इसकी सप्लाई करते हैं।
सत्यप्रकाश ने इससे पहले 300 किलो का ताला भी बनाया था। इस रिकॉर्ड को उन्होंने अब 400 किलो का ताला बनाकर तोड़ा है। वे 40 साल से ताला निर्माण से जुड़े हुए हैं। उन्हें अपने पिता भोजराज शर्मा से ताला निर्माण की कला विरासत में मिली। इनकी पीढ़ी करीब 100 साल से इस कारोबार से जुड़ी हुई है।