यूपी चुनाव का समय पास आते-आते हर दिन नए समीकरण देखने को मिल रहे हैं। रविवार को एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने घोषणा करते हुए बताया कि उनकी पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष ने रविवार को यहां कहा, ”हमारी पार्टी ने (यूपी चुनाव में) 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
हम और एक-दो पार्टियों से संपर्क में हैं और आगे पता चलेगा कि हम किसी से गठबंधन करते हैं कि नहीं। हम चुनाव जीतने की स्थिति में हैं।’ हालांकि ओवैसी ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान बहुत पहले कर दिया था। इस दौरान वे ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से गठबंधन करने के लिए बेताब भी दिखे थे और भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल होने वाले थे, लेकिन बाद में ओम प्रकाश राजभर ने पलटी मार दी और अखिलेश यादव के साथ जा मिले। ऐसे में ओवैसी अब गठबंधन के लिए दूसरों दलों की तरफ देख रहे हैं।
ओवैसी के ऐलान से कई पार्टियों की हो सकती है नींद खराब
उन्होंने कई बार सपा से भी गठबंधन करने की इच्छा जाहिर की है लेकिन सपा या अखिलेश यादव की तरफ से कुछ खास जवाब नहीं मिला है। ऐसे में ओवैसी का एक बार फिर से 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करके कई पार्टियों की नींद खराब कर सकते हैं। खासकर वे सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए यह बड़ी चुनौती बन सकते हैं क्योंकि एआईएमआईएम के इतनी ज्यादा सीटों पर मैदान में उतरने से मुस्लिम वोटों पर बड़ा असर पड़ सकता है।
2017 में 38 सीटों में से 37 पर हुई थी जमानत जब्त
इन सब बातों से बेपरवाह ओवैसी आए दिन यूपी में दिख रहे हैं और पिछले कुछ महीनों में उन्होंने तोबड़तोड़ रैली की है। जहां उन्होंने मुस्लिम समाज से जुड़े मुद्दों को उठाया है, साथ ही जीत का दावा करते भी नज़र आएं हैं। आपको बता दें कि एआईएमआईएम ने 2017 में यूपी विधानसभा का चुनाव 38 सीटों पर लड़ा था लेकिन 37 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। एआईएमआईएम को 2 लाख 4 हजार 142 वोट मिले थे। एआईएमआईएम ने जिन सीटों पर चुनाव लड़ा था, वो मुख्य तौर पर पश्चिम उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल सीटें थीं. लेकिन मतदाताओं ने उन्हें बहुत तरजीह नहीं दी।