लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

यूपी चुनाव : एक बार फिर सक्रिय हुई सीएम योगी की हिंदू वाहिनी, वर्ष 2017 में कर दी गयी थी भंग

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ द्वारा 2002 में स्थापित हिंदू युवा वाहिनी (एचवाईवी) फिर से सक्रिय हो गई है

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ द्वारा 2002 में स्थापित हिंदू युवा वाहिनी (एचवाईवी) फिर से सक्रिय हो गई है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जो वाहिनी निष्क्रिय हो गई थी वह फिर से सक्रिय हो गई है। गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ की जीत सुनिश्चित करने के लिए इसके सदस्यों ने पहले ही एक गहन अभियान शुरू कर दिया है। एचवाईवी के महासचिव पी. के. मॉल ने कहा कि वाहिनी के सदस्यों ने घर-घर बैठकें, डिजिटल बैठकें आयोजित करने और विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर पर अपने संगठन को मजबूत करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के गोरखपुर पहुंचने पर चुनाव रणनीति और प्रचार को लेकर पदाधिकारी उनके साथ बैठक करेंगे।
संगठन सभी वार्डों में करेगा बैठक 
वाहिनी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, एचवाईवी की राजनीतिक गतिविधियां लगभग पांच वर्षों से निष्क्रिय थीं लेकिन शहर की सीट से योगी आदित्यनाथ की उम्मीदवारी की घोषणा के साथ संगठन फिर से सक्रिय हो गया है। संगठन सभी वार्डों में बैठक करेगा और मुख्यमंत्री के निर्देश पर अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी करेगा। हिंदू युवा वाहिनी ने 2004, 2009 और 2014 में योगी आदित्यनाथ के चुनाव अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में हिंदुत्व के संदेश का प्रचार भी किया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में वाहिनी नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सिद्धार्थ नगर की डुमरियागंज सीट से सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था। 
भाजपा के अनुरोध पर कर दिया था भंग 
मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में वाहिनी की इकाइयों को भाजपा नेतृत्व के अनुरोध पर इस डर से भंग कर दिया गया था कि यह एक समानांतर राजनीतिक संगठन के रूप में कार्य करेगा। इस कदम का विरोध करने वाले इसके पदाधिकारियों और सदस्यों को इससे निष्कासित कर दिया गया था। इसमें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह भी शामिल थे। विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर मतभेदों के कारण भाजपा के साथ उनके संबंधों में खटास आने के बाद योगी आदित्यनाथ ने 2002 में हिंदू युवा वाहिनी को खड़ा किया था। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार शिव प्रताप शुक्ला के खिलाफ हिंदू महासभा के टिकट पर डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को मैदान में उतारकर भाजपा नेतृत्व को चुनौती दी। अग्रवाल ने शुक्ला को हराया और आदित्यनाथ को पूर्वी उत्तर प्रदेश के निर्विवाद नेता के रूप में स्थापित किया।
वर्ष 2017 में 15 लाख हो गयी संगठन की संख्या 
वाहिनी स्वयंसेवकों को योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गोरखनाथ मठ द्वारा प्रचारित हिंदुत्व एजेंडे के प्रचार का कार्य भी सौंपा गया। 2002 में 300 सदस्यों से 2017 में संगठन की ताकत बढ़कर 15 लाख हो गई। पिछले पांच वर्षों में वाहिनी ने सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया और इसने राजनीतिक गतिविधियों से अपने कदम पीछे कर लिए थे। इसकी सामाजिक गतिविधियों में राशन वितरण, कोविड और अन्य बीमारियों के बारे में जागरूकता पैदा करना, प्रवासी श्रमिकों की सहायता करना और विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में स्थानीय अधिकारियों की सहायता करना शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 × three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।