उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटों के लिए वोटो की मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है। पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जा रही है जिसमे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) 73, समाजवादी पार्टी (सपा) 64, बसपा (बहुजन समाज पार्टी ) 2 और कांग्रेस 1 सीट जीती है। पोस्टल बैलेट के बाद ईवीएम की मतगणना की जाएगी। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना राज्य के सभी 75 जिलों में सुबह आठ बजे शुरू हो गयी। उन्होंने बताया कि मतगणना के लिए प्रदेश के सभी जिलों में कुल 84 केंद्र बनाए गए हैं। इनमें आगरा में पांच, अमेठी, अंबेडकर नगर, देवरिया, मेरठ और आजमगढ़ में दो-दो तथा बाकी जिलों में एक-एक मतगणना केंद्र बनाया गया है।
दिल्ली और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी किए गए है तैनात
शुक्ला ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक मतगणना प्रेक्षक तैनात किया गया है। मतगणना के पर्यवेक्षण के लिए दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर रणवीर सिंह को मेरठ तथा बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच आर श्रीनिवास को वाराणसी में तैनात किया गया है। किसी भी तरह के विजय जुलूस या रैली पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। मतगणना स्थल पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए सैनिटाइजर, मास्क, दस्ताने और थर्मल स्कैनर की व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 10 फरवरी से सात मार्च के बीच सात चरणों में कराया गया था।
हर विधानसभा क्षेत्र में की गई है पीठासीन अधिकारियों की तैनाती
चुनाव के नतीजों से यह तय हो जाएगा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश में लगातार दूसरी बार अपनी सरकार बना कर कीर्तिमान रचती है या समाजवादी पार्टी (सपा) पांच साल बाद फिर सत्ता में लौटती है, या बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अथवा अन्य कोई दल या गठबंधन सभी को चौंकाते हुए सत्ता शीर्ष पर पहुंचता है। निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र में पांच मशीनों की वीवीपैट पर्ची की गिनती भी की जाएगी। मतगणना केंद्रों पर वीडियो कैमरा और स्टैटिक कैमरा भी लगाए गए हैं। साथ ही हर केंद्र पर मीडिया सेंटर भी स्थापित किए गए हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में सहायक पीठासीन अधिकारियों की तैनाती की गई है ताकि मतगणना का कार्य निर्बाध रूप से पूरा किया जा सके।