उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर जारी सरगर्मी के बीच बीजेपी से मुंह मोड़ने वाले नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। तीन बार बीजेपी से सांसद रहे प्रभु दयाल कठेरिया ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। वहीं कठेरिया के बेटे अरुण कांत कठेरिया आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
प्रभुदयाल कठेरिया द्वार पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देना बीजेपी के शीर्ष नेताओं से उनकी नाराजगी जाहिर करता है। उन्होंने अपने बेटे को आम आदमी पार्टी (AAP) से चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया है। सोमवार को उन्होंने अपने बेटे अरुण कांत कठेरिया का नामाकंन पत्र भी जमा कराया है।
बेटे के लिए टिकट की मांग कर रहे थे कठेरिया
पूर्व सांसद कठेरिया अपने पुत्र अरुण कांत कठेरिया के लिए आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे। एक साल से वह गांवों में जनसंपर्क कर रहे थे। लेकिन बीजेपी ने अपनी पॉलिसी एक परिवार से एक ही सदस्य को टिकट के तहत कठेरिया को निराश कर दिया।
इसके पहले उन्होंने वर्ष 2014 और 2017 में भी टिकट की दावेदारी की थी, दावा मजबूत होने के बाद भी उन्हें पार्टी ने दरकिनार किया। अब पार्टी ने एक ही समाज के दो लोगों को आगरा की दोनों सुरक्षित सीटों से प्रत्याशी बना दिया है, जबकि पार्टी अपने परंपरागत मतदाताओं की उपेक्षा की है। उन्हें टिकट नहीं देकर कठेरिया समाज का अपमान किया है। वह अन्याय को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। अब बेटा अरुण बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ेगा।
टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी नेताओं में रार
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। बीजेपी ने आगरा की सभी नौ विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी नेताओं में रार मची है। आगरा की पांच विधानसभा सीटों पर पार्टी ने नए चेहरों को मौका दिया है। टिकट कटने और टिकट न मिलने पर दोनों स्तर के नेता बगावती तेवर दिखा चुके हैं।