उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा राज में भ्रष्टाचार एक घरेलू उद्योग बन गया है। अखिलेश ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश सचिवालय भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है। सचिवालय के अंदर बड़े चेहरे और बड़े अफसर भी नौकरियां और बड़े ठेके दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने का धंधा चला रहे हैं।
भाजपा मंत्रियों के स्टाफ के लोगों के इस खेल में संलिप्त रहने की पहले भी सूचनाएं थीं। सचिवालय के अंदर एक फर्जी कार्यालय भी खुल गया और सरकार को खबर नहीं हुई। उन्होने सवाल किया ‘‘मुख्यमंत्री जी क्या यह आपके भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का नया उदाहरण है।’’भाजपा राज में अब हालात सुधरने के चूंकि आसार नहीं दिख रहे हैं। यूं कहें कि हालात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नियंत्रण से बाहर हो चले हैं और अच्छा होगा कि वह राज्य की बेहतरी के लिए अपनी कुर्सी छोड़कर प्रस्थान कर लें।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के जंगलराज में पुलिस थाने अराजकता, हिरासत में मौत और बर्बर पिटाई के अड्डे बन गए हैं। पुलिस थाने के अन्दर ही एक दूसरे पर हमले की वारदात होना पुलिस व्यवस्था पर सवालिया निशान है। भाजपा राज में मंडियों एवं दलहन केन्द्रों पर व्याप्त भ्रष्टाचार एवं मनमानी से किसान बेहाल और परेशान है। कई क्रय केन्द्रों में ताले लगे होने की सूचनाएं हैं। आखिर किसान अपनी फसल बेचने कहां जाये।
यादव ने कहा कि अमरोहा का ढोलक कारोबार चौपट हो गया है। उन्होंने कहा, निर्मित ढोलक देश ही नहीं विदेश में भी प्रसिद्ध है। कारीगरों का काम सुचारू रूप से न चलने से उनके घर का खर्च चलना मुश्किल हो गया है। उनकों आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री एक जिला एक उद्योग की ढोल तो खूब पीटते हैं परन्तु जहां ढोलक से ही सैकड़ लोगों की आजीविका चलती है उधर उनका ध्यान नहीं जाता है। तुकबंदी वाले बयानों का यही तो नतीजा होता है। उन्होने कहा कि महिला सशक्तिकरण पर सिर्फ भाषणबाजी करने वाले मुख्यमंत्री जी महत्वाकांक्षी वूमेन पावर लाइन 181 तक नहीं चला सके, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
वैश्विक महामारी के दौर में भाजपा सरकार की नीतियों से हजारों मददगार सेविका, महिलाएं भी बेरोजगार हो गई हैं। आशा ज्योति केन्द्रों में एक साल का वेतन बकाया है। अखिलेश ने कहा कि सबसे बड़ घोटाला तो शिक्षक भर्ती का है। 69000 शिक्षक भर्ती का मास्टर माइंड भाजपा से जुड़ बताया जाता है। बेसिक शिक्षा में अनामिका और प्रियंका जैसी कितनी ही फर्जी शिक्षिकाओं की भर्ती है। खबर है कि लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में भी कुछ अनामिकाएं हैं। प्रदेश की जनता का सब का बांध टूट गया है, लोकतंत्र की असली ताकत अब बेसब्री से प्रतीक्षा कर रही है।