उत्तर प्रदेस के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने करोड़ युवाओं की आशाओं, सम्भावनाओं और प्रतिभाओं को निराश किया है। अखिलेश ने गुरुवार को यहां जारी बयान में कहा कि युवकों का भविष्य अंधेरे में है। भाजपा शासन में प्रतिभाशाली युवा निराश है। रोजगार के अवसर न सृजित हो रहे हैं और नहीं उसकी सम्भावनाएं हैं।
भाजपा सरकार नौजवानों के सपनों को तोड़ने वाली सरकार साबित हो रही है। कई करोड़ के रोजगार बांटने का दावा करने वाली भाजपा किस क्षेत्र में किसको कितना रोजगार दिया इसके आंकड़ देने से क्यों घबराती है। उन्होंने कहा कि बाहर से आये युवा प्रतिभाओं में तकनीशियन, एक्जीक्यूटिव और विभिन्न विधाओं के जानकार और विशेषज्ञ भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पूंजीनिवेश केवल कागजों पर एमओयू में आया है। जमीन पर एक भी उद्योग नहीं लगा। मनरेगा में खुदाई का काम भी डिग्रीधारक युवकों के लिए रोजगार की तरह प्रचारित किया जा रहा है। पढ़-लिखे नौजवानों के साथ इससे बड़ छल और धोखा क्या होगा। अखिलेश ने कहा कि ग्रामीण और कुटीर उद्योगों के जरिए स्वावलम्बन की दिशा में समाजवादी पार्टी ने कदम उठाए थे। अवध शिल्प ग्राम की स्थापना की थी।
बुनकरों को तमाम रियायते दी थी। जिलों के हुनर को प्रोत्साहित किया था। समाजवादी सरकार की कोशिश थी कि स्थानीय उद्यमियों को नई तकनीक से जोड़ जाए। उन्हें कौशल प्रशिक्षण का लाभ मिल रहा था। चक गंजरिया क्षेत्र में आईटी हब बनाने के पीछे रोजगार के नए साधन मुहैया करने की भावना थी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उद्योगपतियों को राहत पहुंचाने के लिए श्रमिकों की सुरक्षा एवं सम्मान से सम्बन्धित तमाम प्राविधान श्रम कानूनों से हटा दिए हैं। काम के घंटे बढ़ दिए है। उनका दिहाड़ वेतन घटा दिया है। श्रमिक अब मालिकों का बंधुआ बन कर रह जाएगा। भाजपा गरीबों, कमजोर वर्ग के हितों की रक्षा की जगह उनमें असुरक्षा पैदा करती है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि एक चीनी कम्पनी द्वारा मलेशिया में, उत्तर प्रदेश के कई जिलों के श्रमिकों को प्रताड़त करने की खबरें आई हैं। केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों को वहां की सरकार और दूतावास से सम्पर्क कर उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रयास करने चाहिए। मलेशिया में उत्तर प्रदेश के 35 लोग हैं। हवाई चप्पल वालों को भी हवाई जहाज से घर वापसी का अधिकार मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विगत तीन चार महीनों में विभिन्न राज्यों से पलायन कर श्रमिक अपने-अपने गृह जिलों के लिए पैदल या जो साधन मिला उससे रवाना हुए। इस असुविधाजनक कष्टकारी यात्रा में सैकड़ श्रमिक मौत के शिकार हो गए थे। समाजवादी पार्टी के निर्देश पर कार्यकर्ताओं ने उनकी यथासम्भव हर मदद की थी। यह मानवीय पक्ष है कि मुसीबतजदा और संकटग्रस्त की मदद जरूर की जाए। समाजवादी पार्टी ने उन पीड़ित परिवारों को जिनके परिवारी श्रमिक दुर्घटना के शिकार हुए या जिनकी मृत्यु हो गई उनको एक-एक लाख रुपए की मदद की थी। भाजपा सरकार को कम से कम 10-10 लाख रुपये की मदद देनी चाहिए। श्रमिकों की जिन्दगी की उसके लिए कोई कीमत नहीं। भाजपा में गरीबों के लिए कोई संवेदना भी नहीं है।