उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश वापस ले लिया है। हालांकि कोरोना मरीजों को कुछ शर्तों और सुरक्षा के साथ मोबाइल का इस्तेमाल करना होगा।
नए आदेश के मुताबिक मरीज को आइसोलेशन वार्ड में जाने से पहले मोबाइल फोन और चार्जर होने की जानकारी देनी होगी। मरीज को इसोलेशन वार्ड में भर्ती होने से पहले मोबाइल और चार्जर को चिकित्सालय प्रबंधन के जरिए डिसइंफेक्ट किया जाएगा।
वहीं मोबाइल और चार्जर रोगी किसी अन्य मरीज और स्वास्थ्यकर्मी के साथ साझा नहीं करेगा। आइसोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज होने के बाद मरीज का मोबाइल और चार्जर डिसइंफेक्ट किया जाएगा। गौरतलब है कि यूपी सरकार के आइसोलेशन वार्ड में मोबाइल फोन को बैन किए जाने के फैसले पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए थे।
बता दें कि कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने द्वितीय और तृतीय स्तर के कोविड अस्पतालों के पृथक वार्ड में मरीजों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। महानिदेशक (चिकित्सा शिक्षा) डॉ के के गुप्ता ने सभी चिकित्सा विश्वविद्यालयों, चिकित्सा संस्थानों और सभी सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रमुखों को आदेश जारी करते हुए कहा कि मोबाइल से संक्रमण फैलता है।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि कोविड अस्पतालों के प्रभारी को दो मोबाइल फोन उपलब्ध कराए जाएं ताकि भर्ती मरीज अपने परिजन से और परिजन मरीज से बात कर सकें।