उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा, ऐसे में सपा सरकार की वापसी की बांट जोह रहे मैनपुरी जिले के एक समर्थक इतना निराश हुआ कि उसने अपने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र जला दिए। दरअसल युवक को सपा सरकार में नौकरी की उम्मीद थी, लेकिन बीजेपी की सत्ता में वापसी से उसकी यह उम्मीद टूट गयी।
मामला मैनपुरी जिले के करहल शहर का है। कंप्यूटर सेंटर चलाने वाले शीलरतन बोध ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि अखिलेश यादव सरकार बनाएंगे और मुझे नौकरी मिलेगी। लेकिन बीजेपी सत्ता में लौट आई। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में वह अधिक उम्र के हो जाएंगे और सरकारी नौकरियों के लिए अयोग्य हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मैं चुनाव परिणामों से परेशान था और हताशा में मैंने अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्र जला दिए हैं। पिछले कुछ वर्षों से बोध करहल प्रखंड कार्यालय के सामने स्थित अपने कंप्यूटर सेंटर में नौकरी एवं प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को सेवा प्रदान कर रहे हैं। वह स्टेशनरी भी बेचते हैं।
2012-2017 में ही मिल जाती नौकरी, लेकिन……
बोध ने कहा कहा कि 2011 में, एक सड़क दुर्घटना में मेरे दोनों पैर क्षतिग्रस्त हो गए थे। मुझे ठीक होने में चार साल से अधिक का समय लगा। अन्यथा, मैं 2012-2017 तक अखिलेश यादव सरकार के दौरान सरकारी नौकरी हासिल कर लेता। उन्हें अपने 26 वर्षीय स्नातक भाई की भी चिंता है, जो सरकारी नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहा है।
उनके पिता करहल में होम्योपैथी मेडिसिन सेंटर चलाते हैं। दोनों भाई अविवाहित हैं।
यह पूछे जाने पर कि समाजवादी पार्टी राज्य में सरकार बनाने में विफल क्यों रही, बोध ने कहा कि मैं सटीक कारण नहीं बता सकता लेकिन मुझे लगता है कि पार्टी को लोगों का विश्वास जीतने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। अखिलेश यादव को इलेक्शन मोड में बने रहने की जरूरत है। उन्हें उम्मीद है कि 2027 में सपा सत्ता में आएगी, ताकि उनके छोटे भाई और उनके जैसे अन्य लोगों को सरकारी नौकरी मिल सके।