कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ जंग जीतने के लिए देशभर की लड़ाई जारी है। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन के मद्देनजर 9 अप्रैल गुरुवार को होने वाले शब-ए-बारात को लेकर उत्तर प्रदेश के शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है।
शिया और सुन्नी बोर्ड ने मंगलवार को लॉकडाउन के मद्देनजर आगामी नौ अप्रैल को शब-ए-बारात में आम जनता को कब्रिस्तानों, दरगाहों और मजारों पर जाने से रोकने के आदेश जारी किए हैं। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एसएम शोएब ने बताया कि बोर्ड ने प्रदेश में सभी सुन्नी वक्फ स्थलों के मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों को निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस की वजह से घोषित बंद के मद्देनजर शब-ए-बारात के मौके पर आम जनता को कब्रिस्तानों, दरगाहों और मजारों पर जाने से रोकें।
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उन्होंने कहा कि मुतवल्ली आम लोगों को अपने-अपने घरों में ही इबादत करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि बंद की किसी भी कीमत पर अवहेलना ना हो। इन निर्देशों का पालन करना सभी मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। शोएब ने एक अन्य आदेश में सुन्नी वक्फ संपत्तियों के मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों से यह भी कहा कि वे खासतौर पर पैदल अपने गंतव्य की ओर लौट रहे भूखे-प्यासे लोगों को खाने-पीने की चीजें, दवाएं तथा अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराएं।
ऐसा करना सामाजिक, धार्मिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है। वहीं उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने भी शब-ए-बारात पर सभी शिया वक्फ क़ब्रिस्तानों को बंद रखने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कब्रिस्तान परिसर में रहने वाले कर्मचारियों से कहा गया है कि वह कब्रों के ऊपर साफ-सफाई के साथ-साथ उन पर रोशनी भी करें।
लॉकडाउन के मद्देनजर देश में होने वाले कई धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। प्रशसन की ओर से कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लोगों से सोशल डिस्टन्सिंग के निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है।