उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने अलीगढ़ से जिस उम्मीदवार को टिकट दिया था उसे प्रशासन ने जिला बदर कर दिया है। अलीगढ़ प्रशासन ने कांग्रेस के प्रत्याशी सलमान इम्तियाज को शहर और शांति के लिए खतरा बताते हुए छह माह की अवधि के लिए जिला बदर किया है। पार्टी ने एक हफ्ते पहले ही उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया था। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष इम्तियाज को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी आंदोलन के दौरान परिसर में हिंसा सहित आपराधिक गतिविधियों में उनकी कथित भूमिका को लेकर जिले से छह महीने के लिए जिला बदर कर दिया गया है।
प्रशासन ने शहर की शांति के लिए बताया खतरा
कांग्रेस ने इम्तियाज को 13 जनवरी को उम्मीदवार घोषित किया था और उन्होंने 20 जनवरी को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) शहर, राकेश कुमार पटेल ने उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत उनके घर पर इस आशय का नोटिस चस्पा किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि, इम्तियाज शहर की शांति के लिए खतरा है और उनकी उपस्थिति ने जनता के लिए खतरा पैदा कर दिया है। इस तरह के प्रतिबंधात्मक आदेश कई अन्य एएमयू छात्रों को भी जारी किए गए हैं।
इन मामलों में दर्ज की गई थी प्राथमिकी
जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार इम्तियाज के खिलाफ 2019 और 2020 में सीएए का विरोध करने के दौरान सिविल लाइंस थाने में हत्या का प्रयास, धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास स्थान और सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट करने के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने सहित भारतीय दंड़ संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत छह प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इम्तियाज को अलीगढ़ क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा विधायक संजीव राजा की पत्नी मुक्ता राजा, और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जफर आलम के खिलाफ कांग्रेस ने मैदान में उतारा था।