उत्तर प्रदेश में बहराइच हिंसा मामले से जुड़ी बड़ी खबर में आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर पर रोक लगा दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बहराइच मामले में आरोपियों की संपत्ति पर बुलडोजर कार्रवाई 15 दिन के लिए रोक दी है। पीडब्ल्यूडी (PWD) विभाग की ओर से जिन 23 घरों या दुकानों पर नोटिस चिपकाया गया था, उनको जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई तीन दिन बाद 23 अक्टूबर को होगी।
बहराइच हिंसा के बाद प्रस्तावित बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए नोटिस को रद्द करने और बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है। यहां नोटिस मिलने पर लोग खुद ही घर खाली कर सामान दूसरी जगह ले जा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी की ओर से मिले नोटिस के बाद इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के बहराइच हिंसा मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 23 लोगों के घरों व दुकानों पर पीडब्ल्यूडी ने शनिवार को नोटिस लगा दिया था। विभाग की तरफ से नोटिस सरकारी रास्ते पर अतिक्रमणकर करने को लेकर लगाई गई थी। ऐसे में 3 दिन में ग्रामीण सड़क के मध्य से 60 फीट की दूरी पर बनाए गए निर्माण को हटाने के लिए कहा गया था।
दरअसल बीते 13 अक्टूबर को बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान बड़ा बवाल हो गया था। बवाल के दौरान एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद देखते ही देखते इस बवाल ने हिंसा का रूप ले लिया था। इस हिंसा में अस्पताल, दुकान और घर में तोड़फोड़ की गई थी। स्थित इतनी तनावपूर्ण हो गई थी कि एडीजी एलओ और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश को सड़क पर पिस्टल लेकर उतरना पड़ गया। कई दिनों तक बहराइच के कई इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया था। अब इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही आरोपियों के अवैध निर्माण पर बुल्डोजर की कार्रवाई का नोटिस चस्पा कर दिया गया है।