वरिष्ठ कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने शनिवार को कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की लंबे समय से मांग है कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी का चेहरा बनें, लेकिन यह एक ‘‘रणनीतिक निर्णय’’ है जिसे कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) और प्रियंका को स्वयं लेना है।
प्रसाद कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी से गठबंधन नहीं करेगी। यह पूछे जाने पर कि पार्टी महासचिव 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा होंगी, तो उन्होंने कहा ,‘‘पार्टी कार्यकर्ताओं की यह लंबे समय से मांग है, लेकिन इस पर निर्णय कांग्रेस कार्यसमिति और प्रियंका जी को स्वयं लेना है।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में जो मुद्दे उठाये जा रहे हैं वह वास्तविक मुद्दे नहीं हैं । प्रदेश सरकार केवल हेडलाइन मैनेजमेंट कर रही है। मैं ब्राह्मणों के मारे जाने की बात कर रहा हूं । क्यों अपराध के भुक्तभोगी अधिकतर ब्राह्मण हैं? आखिर राज्य सरकार की मंशा क्या है ?” उन्होंने कहा, ‘‘विकास दुबे के मुठभेड़ को देखने से ऐसा लग रहा है कि यह फर्जी है और सरकार के इरादे संदेह के घेरे में है।
हम (कांग्रेस) पहले से ही मांग कर रहे हैं कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच होनी चाहिए। आखिर किसने विकास दुबे को इतना बड़ा अपराधी बनने दिया ? यह राज अब दफन हो गया।’’ उन्होंने कहा कि ब्राह्मण चेतना परिषद के अन्तर्गत पार्टी पीलीभीत, झांसी, अयोध्या, इटावा, मेरठ, बस्ती और बदायूं में समुदाय के लोगों के साथ डिजिटल बैठकें कर चुकी है।
उन्होंने राजस्थान में पार्टी के हालात पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। प्रसाद ने कहा, ‘‘वर्चुअल मीटिंग के लिये पार्टी के नेताओं का एक समूह तैयार किया गया है और यह बैठकें नियमित रूप से हो रही है। ‘कैसे हैं आप’ नामक एक कार्यक्रम मैंने कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के लिये शुरू किया था, उसे अब पार्टी भी आयोजित कर रही है।’’
भाजपा समेत अन्य विपक्षी दलों द्वारा प्रियंका गांधी को ट्विटर का नेता बताये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास कहने के लिये कुछ नहीं है। उनका काम तो शून्य है, कुछ किया ही नहीं है उन्होंने। और इस सब को छिपाने के लिये वह इस तरह की बातें करते हैं।’’