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UP : कोरोना के बीच मंडी पहुंच रहे किसानों का रखा जा रहा है ख्याल, सैनिटाइज होंगे सभी कोल्ड स्टोरेज

उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना से बचाने के लिए गांव, शहर से लेकर मंडी और कोल्ड स्टोरेज को सैनिटाइज करने पर जोर दे रहे हैं। इसी के तहत अब यूपी के सभी कोल्ड स्टोरेज को सैनिटाइज किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच मंडी पहुंचे रहे किसानों की सुरक्षा को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई अहम फैसले लिए हैं। प्रदेश सरकार कोरोना से बचाने के लिए गांव, शहर से लेकर मंडी और कोल्ड स्टोरेज को सैनिटाइज करने पर जोर दे रहे हैं।  इसी के तहत अब यूपी के सभी कोल्ड स्टोरेज को सैनिटाइज किया जाएगा।
कोरोना के बीच गेहूं बेचने मंडी में पहुंच रहे किसानों को संक्रमण से बचाने के लिए हर दिन मंडी के चबूतरे को दो बार सैनिटाइज किया जाएगा। उद्यान विभाग और मंडी परिषद के उच्चाधिकारियों ने इस संबंध में जिले के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार का प्रयास है कि आलू तथा गेहूं उत्पादक किसानों को हर हाल में कोरोना संक्रमण से बचाया जाए और इसके लिए हर जरूरी इतजाम किए जाएं।
मुख्यमंत्री की इस मंशा के तहत उद्यान निदेशक आरके तोमर ने सूबे के सभी 1925 कोल्डस्टोरेज को सेनेटाइज करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। आरके तोमर के अनुसार इस बार राज्य में 160 लाख टन से भी अधिक आलू का उत्पादन हुआ है। जिसमें से करीब 120 लाख टन आलू कोल्डस्टोरेज में पहुंच चुका है। इसकी सुरक्षा के लिए कोल्डस्टोरेज को सैनिटाइज किया जाएगा। सूबे के सभी कोल्डस्टोरेज को सैनिटाइज कर संचालित करने की प्रक्रिया शुरू है। 

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अधिकारियों के अनुसार कोल्डस्टोरेज को सैनिटाइज करने से आलू के भंडारण और निकासी में कोई समस्या नहीं आने पाएगी। इसी तरह से सूबे में मंडी परिषद की 251 मंडियों में से 220 मंडियों में गेहूं की खरीद हो रही है। इन मंडियों में गेहूं लेकर पहुंच रहे किसानों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए मंडी के चबूतरे को दिन में दो बार सैनिटाइज करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा हर मंडी में कोविड डेस्क बनाई गई है। 
मंडी में बिना मास्क के किसी को भी आने पर रोक है, जो किसान मास्क लगाकर नहीं आते हैं उन्हें इस डेस्क के जरिए मास्क उपलब्ध कराया जा रहा है। मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गेहूं की खरीद हो रही है। सब्जी और फल लेकर आने वाले व्यापरियों से कोरोना प्रोटोकाल का पालन कराया जा रहा है। 
प्रदेश में एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू की गई है। अभी 14 दिन ही बीते हैं कि एक लाख 80 हजार मैट्रिक टन गेहूं खरीद का रिकार्ड बन गया है। इस रिकार्ड को बनाने के साथ ही किसानों को भुगतान के मामले में योगी सरकार ने पिछली सरकारों को बहुत पीछे छोड़ दिया है। धान खरीद के मामले में भी योगी सरकार नए कीर्तिमान स्थापित कर चुकी है। राज्य सरकार ने 2553804 धान किसानों को 23328.80 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है, जो कि प्रदेश में अब तक का रिकार्ड है। 
आंकड़ों के मुताबिक योगी सरकार ने चार साल के कार्यकाल में 3345065 किसानों से कुल 162.71 लाख मी. टन गेहूं की खरीद की। प्रदेश में सबसे ज्यादा 24256 क्रय केंद्रों के जरिये खरीदे गए गेहूं के लिए राज्य सरकार ने किसानों को कुल 29017.71 करोड़ रुपये का रिकार्ड भुगतान किया है। कुल मिलाकर सूबे की सरकार किसानों द्वारा मेहनत से उगाई गई फसल का समय से भुगतान करने के साथ ही किसानों की कोरोना से सुरक्षा का प्रबन्ध भी करने में जुटी है। जिसके चलते कोल्डस्टोरेज और मंडी स्थलों को सेनेटाइज किया जा रहा है।

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