गाजियाबाद में डिटेंशन सेंटर बनाए जाने वाले फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वापस ले लिया है। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती के विरोध के बाद यूपी शासन ने यह निर्णय निरस्त कर दिया है। मायावती के अलावा विपक्ष के कई दलों ने राज्य सरकार के इस निर्णय का विरोध किया था।
मायावती ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा है कि गाजियाबाद में बसपा सरकार में बने बहुमंजिला डा. अंबेडकर एससी/एसटी छात्र हास्टल को ‘अवैध विदेशियों के लिए यूपी के पहले डिटेंशन सेंटर के रूप में कनवर्ट करना अति-दुखद व अति-निंदनीय है। बसपा ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
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बता दें कि हाल में ही योगी सरकार ने गाजियाबाद में डिटेंशन सेंटर के निर्माण को मंजूरी दी थी। सेंटर का निर्माण राज्य सरकार के समाज कल्याण द्वारा किया जाना था। फैसले के मुताबिक, ऐसे लोग जो कि विदेशी हैं और जेलों में सजा काट चुके हैं और जिन्हें अपने देश भेजने में वक्त लग रहा है उनके लिए यह डिटेंशन सेंटर होगा। केंद्र सरकार के आदेश के बाद ही योगी सरकार ने इसे बनाने का फैसला लिया था, जिसमें विदेशी नागरिकों को रखा जाना था।
गौरतलब है कि नंदग्राम में दलित छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग दो आंबेडकर छात्रावास बनाए गए थे। इनकी क्षमता 408 छात्र-छात्राओं की है। इसका उद्घाटन 15 जनवरी, 2011 को हुआ था। इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए केंद्र सरकार से बजट जारी हुआ था।