उत्तर प्रदेश में वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने अपने छात्रावास में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस सूत्रों ने रविवार को बताया कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान में नेत्र विज्ञान की द्वितीय वर्ष की छात्रा मनीषा कुमारी शनिवार देर रात किसी समय अपने छात्रावास में खुदकुशी कर ली।
वह बिहार के जमुई के महाराजगंज चौक की निवासी थी। घटना की सूचना मिलते ही लंका पुलिस मौके पर पहुंची तथा शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। मृतक के परिजनों को घटना की सूचना भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि छात्रावास कर्मी सुबह मनीषा नाश्ता लेकर उसके कमरे पर गया था।
उसके बार-बार खटखटाने एवं आवाज देने के बाद दरवाजा अंदर से नहीं खुला। तब संदेह होने पर उसने वार्डन को इस बारे में जानकारी दी। इस आधार पर छात्रावास प्रशासन ने घटना की सूचना तत्काल पुलिस को दी। लंका पुलिस की मौजूदगी में मनीषा दरवाजा तोड़ गया तो अंदर का नजारा देखकर सभी सन्न रह गए।
मनीषा का शव छत के पंखे से लटकी हुई थी। घटना स्थल से एक पत्र बरामद हुआ है जिसमें उसने अपनी मां को संबोधित करते हुए लिखा है कि मौत के लिए खुद को जिम्मेवार है। विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि बीएचयू परिसर में मनीषा चिकित्सा विज्ञान संस्थान के ‘लेडी डॉक्टर्स छात्रावास’ में वर्ष 2017 में जुलाई महीने से रह रही थी।
शनिवार को वह ड्यूटी पर गई और देर रात वहां से अपने छात्रावास के कमरे पर लौट आयी थी। उन्होंने बताया कि मनीषा ने वर्ष 2017 के मई महीने में नेत्र विभाग में अपना नामांकन कराया था। मृतका के पिता अनिल केशरी व्यवसायी हैं।