देश के कई राज्य में बाढ़ की वजह से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। लेकिन अब धीरे- धीरे बाढ़ का कहर कम होने लगा है।नदियों के स्तर में कमी होने की वजह से राप्ती व कूड़ा नदी खतरे के निशान से नीचे आ गया है। बूढ़ी राप्ती अब भी लाल निशान से ऊपर ही बह रही है।
जलस्तर लाल निशान के नीचे
बता दे कि कई प्रमुख मार्गों पर अब भी पानी है। जिसकी वजह से सैंकड़ों गांव प्रभावित हुए है। राप्ती के साथ कूड़ा नदी के साथ जलस्तर में कमी आ रही है। कूड़ा नदी के साथ जलस्तर में कमी आ रही है। शुक्रवार को राप्ती व कूड़ा नदी का जलस्तर लाल निशान के नीचे आ गया है। दोनों नदियों ने मिलकर खूब तांडव मचा रखा है।बूढ़ी राप्ती का जलस्तर अब भी लाल निशान से करीब एक मीटर ऊपर है। इससे बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या में ज्यादा कमी नहीं नहीं आ सकी है।बूढ़ी राप्ती के जलस्तर में कमी से सिद्धार्थनगर-बस्ती मार्ग पर जोगिया में सड़क पर जो तीन फुट से ज्यादा पानी बह रहा था वह हट चुका है।
कई अन्य मार्गो पर पानी कम
सामूदायिक स्वास्थ केंद्र, ब्लॉक व कोतवाली से भी पानी हट गया है। जोगिया-गोरखपुर वाया पकड़ी मार्ग के अलावा कई अन्य मार्गो पर पानी कम होने के बाद भी भरा हुआ। मैरूंड गांवों में धीरे-धीरे पानी खिसक रहा है लेकिन पीड़ितों को राहत नहीं है।जिले में स्वास्थ्य विभाग की 200 से ज्यादा टीमें काम कर रही हैं। स्वास्थ्य टीमों ने अब तक हजारों लोगों का इलाज किया है। वहीं लोगों के बीच क्लोनी की गोलियां तथा ओआरएस के पैकेट वितरित किए गए।