उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है। तेज रफ्तार, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और गलत तरीके से बने कट हादसों की प्रमुख वजह बनते जा रहे हैं। यही वजह है कि हाईवे पर एक साल में मौतों की संख्या 15 बढ़ गई है। सरकार जहां एक तरफ नियमों को पालन कराने को लेकर सख्ती बरत रही है, नियमों के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है। इतना सब करने के बाद भी हादसों का ग्राफ नहीं गिर रहा है।
लगातार हो रहे है सड़क हादसे
आपको बता दे कि गोरखपुर में सड़कों पर वाहन चलाते समय जानलेवा हादसे में पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा हुए है। लगातार हर दूसरे दिन कोई न कोई काल के गाल में समा रहा है, जबकि रोजाना 2 लोग घायल हुए है। इसमें सबसे ज्यादा मौतें गीडा थाना क्षेत्र में हुई है, जबकि सबसे कम तिवारीपुर थाना क्षेत्र में। जन जागरुकता व सख्ती के बावजूद ये हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाईवे पर होने वाले हादसे और उनमें मौते होने की वजह और चिंता बढ़ गई है।
रोड एक्सीडेंट में 405 मौत हुईं
यातायात विभाग के आकड़ों के अनुसार पता चला है कि इस साल एक जनवरी से 31अक्तूबर तक रोड एक्सीडेंट में 405 मौतें हुईं हैं जो पिछले साल से 20 फीसदी अधिक है। इसमें सबसे अधिक मौतें गीडा थाना क्षेत्र में हुईं हैं जबकि सबसे कम तिवारीपुर थाना क्षेत्र में। गीडा क्षेत्र में 42 तो तिवारीपुर में दो लोगों की जान सड़क दुर्घटना की वजह से गई है। शहरी क्षेत्र में जहां 78 एक्सीडेंट में 88 लोगों की मौत हुई है।