समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव के गांव मे स्थापित देश की इकलौती सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी मे इस कदर बदहाली का आलम है कि तीमारदार मरीजों के लिये घरो से पंखा लाने को मजबूर है। मरीजो और डाक्टरो को एक दूसरे छोर पर जाने के लिए बनी लिफ्टे भी खराब पडी हुई है। पांच केबीए का ट्रांसफार्मर फुंक जाने के कारण पिछले एक माह से कई महत्वपूर्ण स्थानो पर एसी ना चलने के कारण त्राहि त्राहि मची हुई है।
नया ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिए करें 50 लाख रुपए की आवश्यकता बताई गई है जिसे यूनिवर्सिटी प्रशासन को देना है लेकिन यूपीआरएनएन के अधिकारियों को यूनिवर्सिटी की ओर से यह रकम नहीं मिल पा रही है। नतीजे के तौर पर संस्थान में अधिकतर स्थानों पर एसी का इस्तेमाल नही किया जा पा रहा है, इस कारण मरीज बेहद परेशान बने हुए हैं।
गायनी विभाग में भर्ती मरीजों के तीमारदार अपने घरों से टेबल फैन लगा कर बैठे है तीमारदारों का कहना है कि संस्थान में डाक्टर मरीजों को देख तो रहे हैं लेकिन दवाइयों को देने के बजाय बाहर से लिखने में ज्यादा जोर दे रहे हैं। इसका असल कारण क्या है यह तीमारदारों ओर मरीजो को नहीं पता है लेकिन संस्थान के सूत्र बताते हैं कुलपति ने दवाइयों की आपूर्ति करने वाली कंपनी के भुगतान पर रोक लगा दी है। इस कारण संस्थान में दवाइयों का टोटा बना हुआ है। जब किसी भी मरीज के तीमारदार को डाक्टर दवा की पर्ची लिख कर देता है तो अपने मरीज के हितकर वो मेडिकल स्टोर से दबाइयो को खरीदने के लिए विवश हो जाता है।
गायनी विभाग में इस समय करीब 60 के आसपास महिला मरीज भर्ती है लेकिन एसी ना चलने के कारण उनके तीमारदार अपने अपने पीड़तों की सुविधा का मद्देनत्रर घरों से पंखा लेकर आये हुए है जिनको बाकायदा चलता हुआ देखा जा सकता है। एससी ना चलने के कारण ओपीडी, एसआईसीयू, पुरानी इमरजेंसी में करीब एक माह से हालात खराब है। एसआईसीयू जहां सीरियस मरीजो को रखा जाता है वहॉ भी स्थिति दयनीय बनी हुई है।
इन सबको दुरस्त करने का सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में यूपीआरएनएन को टेंडर मिला हुआ है। यूपीआरएनएन की प्रोजेक्ट मैनेजर ए। के.सिंह कहना है कि 5 केबीए के जले हुए ट्रांसफार्मर के स्थान पर नये ट्रांसफार्मर को स्थापित करने के लिए धन की मांग संस्थान से की गई है जब घन मिल जायेगा तब ट्रांसफार्मर की स्थापना कर दी जाएगी।