उत्तर प्रदेश में झांसी जिले के मऊरानीपुर कस्बे में 13 साल पहले हुए तिहरे हत्याकाण्ड मामले में हमीरपुर जिले की विशेष अदालत (डकैती) के न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला ने शुक्रवार को आठ अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने इसके सजा के साथ सात अभियुक्तों पर एक-एक लाख सोलह-सोलह हजार रूपये अर्थदण्ड भी लगाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 17 दिसम्बर 2006 की रात मनोज श्रोतिया अपनी कार से साथी विमल और मौनीपाल के साथ कानपुर से झांसी मऊरानीपुर लौट रहा था, मनोज के भाई विनोद ने जब उससे पूछा कि वह कहा जा रहा है तो उसने कहा कि अपनी पत्नी अराधना के जेवर और रिवाल्वर घर रखने जा रहा है। जैसे ही वह आगे बढ़ तभी मऊरानीपुर के पासा होटल के वाहन सवार हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर मनोज, विमल और मौनीपाल की हत्या कर दी और जेवर तथा रिवाल्वर लूटकर ले गये थ। इस घटना मे दीपचन्द, और रामबाबू गम्भीर रुप से घायल हो गये थे।
तिहरे हत्याकांड की रिपोर्ट मृतक मनोज श्रोतिया के भाई विनोद श्रोतिया ने लेखराज और उसके दो पुत्रों जयहिन्द सिंह भगत सिंह के अलावा भतीजे रामस्वरुप और महेन्द, के अलावा वीर सिंह, शनु कुशवाहा, दयाराम, स्वामी प्रसाद पासा, कामकाज के खिलाफ दर्ज करायी थी। वादी ने इस मुकदमें को झांसी से हमीरपुर अदालत में स्थानान्तरित कराया था। उनका तर्क था कि उसे झांसी में न्याय नहीं मिल सकता,क्योंकि सभी अभियुक्त असरदार लोग है। तब से हमीरपुर न्यायालय में ही इस मामले की सुनवायी हो रही थी।
इस मुकदमे के दौरान कामकाज की मृत्यु हो चुकी है। जिसमे दयाराम आज भी फरार है। इस मुकदमें की सुनवाई करते हुए विशेष अदालत (डकैती) के न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला ने आठ अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने आठ में से सात अभियुक्तो को सजा के साथ-साथ एक-एक लाख 16-16 हजार जबकि आठवें अभियुक्त स्वामी प्रसाद पासा को एक लाख अठारह हजार रूपये का अर्थदण्ड लगाया। इस मुकदमें की पैरवी शासकीय अधिवक्ता दिनेश कुमार शर्मा और सहायक शासकीय अधिवक्ता रुद्रप्रताप सिंह ने की।