कोरोना माहमारी से बचने का एक मात्र उपाय वैक्सीन है. जिसको लेकर केंद्र और राज्यों सरकार टीकाकरण अभियान जोरो शोरो पर चला रही है और लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित कर रही है। वही उत्तर प्रदेश में व्यापक टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से उत्तर प्रदेश में वैक्सीन की बर्बादी एक प्रतिशत से भी कम हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग के 12 जून, 2021 के आंकड़ों के अनुसार, कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों की बर्बादी पिछले ढाई महीनों में काफी कम होकर एक प्रतिशत से कम हो गई है। टीकाकरण की गति बढ़ाने सहित राज्य सरकार द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप टीके की कुल बबार्दी 0.89 प्रतिशत रह गई है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 36 से अधिक जिलों में कोवैक्सीन की बर्बादी का नकारात्मक आंकड़ा दर्ज किया गया है, जो दर्शाता है कि अभीष्ट संख्या से अधिक लोगों को टीका लगाया जा रहा है। कोवैक्सीन के लिए टीके की बबार्दी केवल 0.87 प्रतिशत है।
जबकि कोविशील्ड वैक्सीन की बात करें तो राज्य ने केवल 0.92 प्रतिशत टीकों की बबार्दी दर्ज की है, जिसमें 25 जिलों में एक नकारात्मक अपव्यय आंकड़ा दिखा है। वैक्सीन की बबार्दी से तात्पर्य ड्राइव के दौरान दी गई खुराक की तुलना में बर्बाद होने वाली खुराक से है।
वैक्सीन अपव्यय को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है – बंद शीशियों में अपव्यय और खुली शीशियों में अपव्यय। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ अपनी उच्च स्तरीय कोविड समीक्षा बैठकों में टीके की बर्बादी को शून्य पर लाने का बार-बार अपील की है।
मुख्यमंत्री ने पहले ही अधिकारियों को उपलब्ध स्टॉक और प्रत्याशित आपूर्ति के माध्यम से टीकाकरण कवरेज को बढ़ाने की योजना बनाने का निर्देश दिया है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, वैक्सीन प्रबंधन एक समान रूप से महत्वपूर्ण तत्व है और हम बर्बादी को कम से कम रखने के लिए बहुत सावधान हैं।
राज्य एक दिन में लगभग 4 लाख टीकाकरण कर रहा है और जुलाई से लगभग 10 लाख लोगों को टीकाकरण करने की योजना बना रहा है। पिछले 24 घंटों में, 4,04,192 से अधिक लोगों को टीके की खुराक मिली है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा, अगस्त के अंत तक 10 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है। टीकाकरण अभियान को तेज करने की जरूरत है। इसके लिए नए टीकाकरणकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।