उत्तर प्रदेश में स्थित वाराणासी में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी के विरोध में आवाजे उठना शुरू हो गई । जानकारी के मुताबिक यह नारेबाजी घटना पर मौजूद कुछ लोगों ने की थी। दरअसल, अदालात ने आदेश दिया था कि इस ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी और सर्वे किया जाए। जब सर्वे करने के लिए टीम मौके पर पहुंची तो लोगों ने नारेबाजी करके स्थिति को गर्म कर दिया जिससे की मौके पर पुलिस तुरंत अलर्ट मोड पर आ गई। पुलिस ने नारेबाजी को खत्म करने के लिए लोगों से अपील किया कि वह सभी यहां से तुरंत हट जाए।
हिंदू और मुस्लमानों ने लगाए नारे
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कमेटी के अधिवक्ताओं के मंदिर में प्रवेश के दौरान मुस्लिम समुदाय के करीब 50 की संख्या में जुटे लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसी दौरान दूसरे पक्ष से हर हर महादेव के नारे लगे। स्थिति तनावपूर्ण होते ही पुलिस ने मोर्चा संभाला। मुस्लिम पक्ष के प्रबुद्ध लोग पहुंचे और तत्काल सभी को वहां से हटाया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों को दालमंडी की गली में भेज दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के पहुंचे अधिवक्ता
कमीशन की कार्रवाई के दौरान निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम पहुंची है। वादी पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन, पंकज गुप्ता व शिवम शुक्ल भी मौके पर मौजूद रहेंगे। हरिशंकर जैन ने अयोध्या राम मंदिर मुकदमे में भी हिंदू महासभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बहस की थी।
हिंदू और मुस्लमान पक्षदारों ने दिया तर्क
ज्ञानवापी परिसर में हिंदू समुदायों ने स्पष्ट किया कि कहा जाता था कि इस स्थान पर श्री बजरंग बली का भव्य मंदिर हुआ करता था ओर साथ ही में श्री गणेश जी की मूर्ति भी थी । हालांकि, एक ओर बयान दिया कि इस ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग की मूर्ति छूपी हुई हैं। इसी बात को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ है अब इस बात में कितनी सच्चाई है वह सर्वे होने के बाद ही पता चलेगा
वहीं दूसरी ओर मुस्लिम लोगों का कहना है कि हम किसी भी अन्य समुदाए के लोगों को प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। यह हमारे धर्मों को शोभा नहीं देता हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर संत समिति ने स्पष्ट किया है कि मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर हुआ करता था इस मस्जिद की नीव मंदिर को तोड़ की गई हैं।