लखनऊ : सपा सरकार में हुई जल निगम भर्ती घोटाले की जांच में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान पर कानूनी शिकंजा कस गया है। जांच में दोषी पाए जाने के बाद सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद एसआईटी ने आजम खान समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। दर्ज की गई इस एफआईआर में जल निगम के पूर्व एमडी के साथ पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह भी शामिल हैं। प्रदेश की पूर्व की अखिलेश सरकार में आनन-फानन में जल निगम में 1300 पदों पर भर्ती अब समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के लिए मुसीबत का सबब बनने जा रही है।
जल निगम भर्ती घोटाले में जांच कर रही एसआईटी ने आजम खान समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। दर्ज की गई इस एफआईआर में आजम खान के साथ परीक्षा कराने वाली संस्था एप्टेक के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।साल 2016 में जल निगम में इंजीनियर से लेकर क्लर्क तक के 1300 पदों पर भर्तियां की गई थी। भर्ती में गड़बड़ी को लेकर आजम खान पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो प्रदेश में योगी सरकार ने सितंबर 2017 में इस पूरे मामले की जांच एसआईटी को दे दी। एसआईटी ने इस पूरे मामले में जांच करने के बाद 22 जनवरी 2018 को पूर्व मंत्री आजम खान का बयान भी दर्ज किया था।
आजम खान ने भर्ती घोटाले पर बयान दिया था कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं, सिर्फ राजनीतिक रंजिशों में उनको फंसाया जा रहा है। एसआईटी ने आजम खान के साथ जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी, नगर विकास सचिव रहे एसपी सिंह, आजम खान के ओएसडी रहे आफाक अहमद और चीफ इंजीनियर अनिल खरे को भी नामजद किया है। एसआईटी ने इस मामले में भर्ती कराने वाली निजी एजेंसी एप्टेक के अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली है। एसआईटी ने इस मामले में जांच के बाद योगी सरकार से आजम खान के खिलाफ केस दर्ज करने की इजाजत मांगी थी। एसआईटी ने शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट में साफतौर पर कहा कि जांच के दौरान आजम खान के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं।
जल निगम में भर्ती प्रक्रिया के दौरान नियमों की जमकर अनदेखी की गई थी। शासन ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज कराने की अनुमति दी, तो एसआईटी ने आजम खान समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।हालांकि इस मामले में एफआईआर होने से पहले ही जल निगम के कई अफसरों पर कार्रवाई की गाज गिर चुकी है। इस मामले में सरकार 122 असिस्टेंट इंजीनियरों को बर्खास्त कर चुकी है। एसआईटी की मानें, तो सपा सरकार में हुई जल निगम की भर्तियों में 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 नैतिक लिपिक, 32 आशुलिपिक समेत 1300 पदों पर भर्तियां की गई थी।
इन भर्तियों के लिए वित्त विभाग से अनुमति लेने के बजाए जल निगम के चेयरमैन स्तर पर ही मंजूरी दे दी गई थी। जांच में एसआईटी को भर्ती आदेश पर आजम खान के दस्तखत वाला पत्र भी मिल चुका है।हालांकि इस पूरे मामले में आजम खान खुद को बेदाग करार देते रहे हैं। एसआईटी की तलबी पर भी कहा था कि उन्होंने नौकरियां दी हैं, कोई गड़बड़ी नहीं की है। इस मामले में राजनीतिक लोग राजनीति के चलते उनका नाम घसीट रहे हैं और जल निगम की भर्तियों को भर्ती घोटाले का नाम दे रहे हैं। फिलहाल जांच कर रही यूपी पुलिस की विशेष जांच प्रकोष्ठ ने एफआईआर दर्ज कर आजम खान की सभी दलीलों को खारिज कर कानूनी शिकंजा जरूर कस दिया है।
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