यूपी के प्रयागराज में जो कल हुआ वो बेहद हैरान करन देने वाला था जिस अतीक पर जुर्म के इतने मुकदमें दर्ज थे जिसकी गुनाहों को लेकर कानून अपना फैसला सुना रहा था। उसी माफिया अतीक का शनिवार तो गोलियों से इंसाफ कर दिया गया। शनिवार को पुलिस और मीडिया के सामने पत्रकार बनकर आए तीन हमलावरों ने पहले अतीक और फिर उसके भाई अशरफ अहमद को गोली मार दी। इस दौरान दोनों की मौत हो गई। इस वारदात के बाद यूपी में धारा 144 लगा दी गई है।
अतीक ने जेलर को मारा था थप्पड़
बता दें पुलिस दोनों को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जा रही थी।अतीक और अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ के लिए प्रयागराज लाया गया था।प्रयागराज की नैनी जेल, देवरिया जेल और बरेली जेल में अतीक की दहशत के कई किस्से हैं। एक वक्त वो भी था। जब 2017 में अतीक ने नैनी जेल में सबके सामने जेलर को थप्पड़ मार दिया था।
अतीक का रुत्बा
यूपी की जेलों में खासकर नैनी में अतीक और उसके गैंग का हमेशा रुतबा रहा है। नैनी जेल को अतीक का किला भी कहा जाता है। नैनी जेल में पोस्टेड रहे कई जेलर इस बात की तस्दीक करते हैं कि नैनी जेल में अतीक की अदालत चलती थी। इस अदालत के फैसले को कोई भी चैलेंज नहीं कर सकता था।
जेल में लगती थी अतीक की अदालत
इस अदालत के लिए हाई सिक्योरिटी सेल में एक स्पेशल चबूतरा बनवाया गया था और ये अब भी बना है। इसी पर बैठकर अतीक फैसले सुनाता था। अतीक के चकिया वाले घर पर भी अदालत लगती थी। जब वो जेल में रहता तो यही अदालत जेल के अंदर लगने लगी। दोनों पक्ष उसके फैसले को अंतिम निर्णय मानकर, सिर झुकाकर मानने के लिए मजबूर होते थे। तो इस तरह से अतीक अपने नाम का खौफ हमेशा कायम रखना चाहता था लेकिन अब उसका खौफ हमेशा के लिए मिट गया क्योंकी प्रयागराज में अतीक औऱ उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। दोनों की हत्या को लेकर खुब बवाल हो रहा है और पुलिस पर तमाम तरह के सवाल खड़े किए जा रहे है।
अतीक अशरफ की मौत की उच्च स्तरीय जांच हो
अतीक अशरफ की मौत के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की उच्च स्तरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय जांच आयोग के गठन के निर्देश दिये हैं। वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 के लागू कर दी गई है। वहीं पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने एक बयान जारी कर कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने तत्काल उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं। बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन के भी निर्देश दिये हैं। इसके अलावा अब तक 17 पुलिस वालों को स्सपेंड किया गया है।