मंगलवार को अतीक अहमद के जुर्म की सजा सुनने का पहला दिन था और ये पहला एसा मामला था जिसमें अतीक पर कार्रवाई हुई । माफिया अतीक को उमेश पाल अपहरण केस में सुनवाई के लिए यूपी लाया गया। एमपी एमएलए कोर्ट में अतीक को सजा सुनाई गई। इस दौरान अतीक ने जो कहा उसे सुनकर लग रहा था कि उसे अपने किए कोई पछतावा ही न हो। दरअसल उमेश पाल अपहरण कांड में फैसला सुनाने से पहले जैसे ही कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई। वैसे ही अतीक अहमद ने बोला न्यायालय अपना फैसला सुनाने से पहले पांच मिनट उसकी बात सुन ले। इसके बाद फैसला सुनाए। अतीक ने फिर आगे कहा कि जेल में बंद व्यक्ति द्वारा उसे पिस्टल पहुंचाए जाने की बात कही जा रही है। वह उससे क्यों हथियार मंगाएगा। जबकि उसके पास बेहतर पिस्टल थी।
अतीक बोला रंजिश के चलते मुकदमा दर्ज किया
सारे मामले सियासी रंजिश की वजह से उसके खिलाफ दर्ज कराए गए हैं। उमेश पाल मामले में भी उसके खिलाफ केवल अपहरण का केस बनता है। इसलिए पत्रावली पर जो रिकॉर्ड है। उसे देखकर ही फैसला सुनाएं।अतीक ने अपने बचाव में एक और तर्क रखा। कहा कि इस मामले में जो व्यक्ति जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया।
अतीक को फांसी की सजा देने की हो रही मांग
वहीं अतीक के बोलने के बाद उमेश पाल के पक्षकार ने कहा कि अतीक अहमद के खिलाफ हत्या, अपहरण, रंगदारी, हत्या का प्रयास, गैंगस्टर जैसे संगीन मामलों में 50 से अधिक मुकदमे विचाराधीन हैं। सभी मुकदमे साक्ष्य के स्तर पर अलग-अलग कोर्ट में चल रहे हैं। अतीक का आपराधिक इतिहास है। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि इस प्रकरण के वादी उमेश पाल की हत्या भी की जा चुकी है। यह मामला दुर्लभतम श्रेणी का है। इसलिए अतीक को फांसी की सजा दी जाए। साथ में दिनेश पासी, खान शौलत हनीफ को अधिकतम दंड दिया जाए।
कोर्ट ने अतीक को सुनाई उम्र कैद की सजा
हालांकी एम पी एम एल ए कोर्ट ने उमेशपाल अपहरण केस में दस अपराधियों को पेश किया गया। अतीक समेत तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।और सात लोगों को बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले को लेकर कई लोगों का कहना है कि अपराध के बदले उम्र कैद की सजा कम है माफिया को फांसी दी जानी चाहिए। हालांकी सुनवाई के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच अतीक को यूपी से गुजरात की साबरमती जेल ले जाया जाएगा ।
अतीक बोला रंजिश के चलते मुकदमा दर्ज किया
सारे मामले सियासी रंजिश की वजह से उसके खिलाफ दर्ज कराए गए हैं। उमेश पाल मामले में भी उसके खिलाफ केवल अपहरण का केस बनता है। इसलिए पत्रावली पर जो रिकॉर्ड है। उसे देखकर ही फैसला सुनाएं।अतीक ने अपने बचाव में एक और तर्क रखा। कहा कि इस मामले में जो व्यक्ति जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया।
अतीक को फांसी की सजा देने की हो रही मांग
वहीं अतीक के बोलने के बाद उमेश पाल के पक्षकार ने कहा कि अतीक अहमद के खिलाफ हत्या, अपहरण, रंगदारी, हत्या का प्रयास, गैंगस्टर जैसे संगीन मामलों में 50 से अधिक मुकदमे विचाराधीन हैं। सभी मुकदमे साक्ष्य के स्तर पर अलग-अलग कोर्ट में चल रहे हैं। अतीक का आपराधिक इतिहास है। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि इस प्रकरण के वादी उमेश पाल की हत्या भी की जा चुकी है। यह मामला दुर्लभतम श्रेणी का है। इसलिए अतीक को फांसी की सजा दी जाए। साथ में दिनेश पासी, खान शौलत हनीफ को अधिकतम दंड दिया जाए।
कोर्ट ने अतीक को सुनाई उम्र कैद की सजा
हालांकी एम पी एम एल ए कोर्ट ने उमेशपाल अपहरण केस में दस अपराधियों को पेश किया गया। अतीक समेत तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।और सात लोगों को बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले को लेकर कई लोगों का कहना है कि अपराध के बदले उम्र कैद की सजा कम है माफिया को फांसी दी जानी चाहिए। हालांकी सुनवाई के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच अतीक को यूपी से गुजरात की साबरमती जेल ले जाया जाएगा ।