उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जाने के लिए अडी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वह निषेधाज्ञा का उल्लघंन कतई नहीं करेंगी लेकिन जिला प्रशासन को उन्हें तीन लोगों के साथ हिंसा प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए जाने की अनुमति देनी होगी। चुनार गेस्ट हाउस में धरने पर बैठी प्रियंका ने शुक्रवार को कहा कि सोनभद्र के घोरावल में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से वह वह किसी भी कीमत पर मिलेंगी।
उन्होने कहा ‘‘ हमें गिरफ्तार किया गया है। मैं पीडितों के परिवार वालों से मिलकर रहूंगी। मैं गरीबों के लिए यहां आई हूं। मैं उनके लिए इंसाफ दिलाना चाहती हूं। क्या गरीबों के हत्या के कोई मायने नहीं है।’’ प्रियंका ने कहा ‘‘ हमें प्रदेश सरकार के इशारे पर गैर कानूनी ढंग से गिरफ्तार किया गया है। मैं पीडितों के परिवार वालों को न्याय दिलाने के लिए यहां आई हूं। पूरा प्रदेश इस प्रकरण देख रहा है।
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प्रदेश में कानून व्यवस्था खत्म हो गई है। वाराणसी के ट्रामा सेन्टर में घायलों से मिलकर आ रही हूँ। वहां एक 17 साल के एक किशोर को देखा है उसके कमर में गोली लगी है। उसकी मां दूसरे बेड पर थी। पीढियों से रह रहे इन गरीब आदिवासियों को न्याय मिले। इसके लिए कुछ भी करना पडेगा मैं पीछे नही हटूंगी।’’ यदि धारा 144 लगी है तो मैं तीन लोगों के साथ भी जाने को तैयार हूं।’’
इस बीच मिर्जापुर के जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने कहा कि प्रेवेंडन एक्सन की वजह से कांग्रेस नेता को यहां रखा गया है। उन्हे सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। कानून व्यवस्था और शांति के मद्देनजर उन्हे सोनभद्र जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। चुनार किला गेस्ट हाउस में भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद हैं।
सोनभद्र के हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात करने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को मिर्जापुर सीमा से सटे वाराणसी के नारायणपुर में पुलिस ने हिरासत में ले लिया। प्रियंका गांधी सोनभद्र में हुए जमीनी विवाद में घायल लोगों से मिलने शुक्रवार को वाराणसी आई थी।
बीएचयू अस्पताल में घायलों से मुलाकात के बाद वह सोनभद्र के लिए निकली लेकिन मिर्जापुर सीमा पर स्थित दलहट थाने से कुछ पहले वाराणसी के नारायणपुर में उनके काफिले को पुलिस ने रोक लिया। सुरक्षा बलों ने कांग्रेस महासचिव को सोनभद्र में निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देकर आगे जाने की अनुमति देने से मना कर दिया। इसके विरोध में उनकी अधिकारियों के साथ नोकझोंक हुई।
प्रियंका ने पुलिस अधिकारी से उनको रोके जाने के संबंध में दस्तावेज दिखाने को कहा जिस पर अधिकारी का कहना था कि पेपर आ रहे हैं। कांग्रेस महासचिव के साथ कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू भी थे। पुलिस अधिकारी उनसे धरना समाप्त करने की गुजारिश की और नहीं मानने पर उन्हे और कुमार लल्लू को हिरासत में ले लिया।
गौरतलब है कि बुधवार को सोनभद्र के घोरावल क्षेत्र के उम्भा गांव में जमीनी विवाद को लेकर दस लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस सिलसिले में ग्राम प्रधान समेत 27 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घटना के विरोध में विपक्ष लामबंद हो गया है। कांग्रेस, सपा, बसपा और रालोद समेत राज्य की सभी विपक्षी पार्टियों ने घटना की एक सुर में भर्त्सना की है और प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगडती हालत पर चिंता जताई है।