उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने शुक्रवार को कहा कि तकनीक के बदलते दौर में प्रबंधन की भूमिका बढ़ी है, इसलिए भविष्य में विधायिका में बेहतर प्रबंधन के लिए भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) के विशेषज्ञों को बुलाकर सुझाव लिए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यों वाली विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में अपना एक साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद महाना ने शुक्रवार को विधानसभा के राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन हाल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने बताया कि नयी योजनाओं की रूपरेखा पर भी काम किया जा रहा है, जिनमें मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्यों को उनके आचार-व्यवहार, क्रियाकलाप और सहभागिता के आधार पर ‘उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार’ प्रदान किए जाने की योजना शामिल है।
स्थल चयन की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई
महाना ने कहा कि इसके साथ ही ‘विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य-संचालन नियमावली’ का संशोधन एवं सरलीकरण, समस्त सदस्यों के चित्रों की स्थापना, विभिन्न संस्थाओं जैसे आईआईएम के प्राध्यापकों के साथ सदस्यों की बैठक प्रस्तावित है, जिससे उन्हें प्रबंधन तंत्र के सूत्रों की जानकारी मिल पाएगी और इनका उपयोग विधायिका में किया जा सकेगा। एक साल के कार्यकाल में विधानसभा में किए गए उल्लेखनीय कार्यों का ब्योरा देने के साथ ही महाना ने अपनी भविष्य की योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नयी विधानसभा का निर्माण भी जल्द शुरू होगा, जिसके लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है और स्थल चयन की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।
महाना ने कहा कि विभागीय मंत्रियों और उनके अधिकारियों के साथ संबंधित विभागों के विशेषज्ञ विधायकों के साथ बैठक कर कार्य योजना बनाई जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि अगर कोई विधायक चिकित्सक है, तो स्वास्थ्य विभाग के मंत्री व अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर उनके सुझाव लिए जाएंगे।
विधानसभा के बदलते स्वरूप पर भी चर्चा
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का गठन 11 मार्च 2022 को हुआ था। 29 मार्च 2022 को विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य और लगातार आठ बार विधायक निर्वाचित हुए सतीश महाना सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुने गए थे। 29 मार्च 2023 को उनके कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर देश के समस्त राज्यों की विधानसभाओं में ई-विधान व्यवस्था लागू किए जाने की योजना के तहत महाना ने अध्यक्ष पद संभालने के लगभग डेढ़ माह के भीतर उत्तर प्रदेश विधानसभा में ई-विधान व्यवस्था लागू की। इसकी शुरुआत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की थी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा को कागजरहित बनाने की दिशा में यह बड़ी पहल थी। राज्य की 18वीं विधानसभा का पहला बजट सत्र 23 मई 2022 से ई-विधान प्रणाली से संचालित हुआ था। महाना ने एक साल की अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि पहले जनता के बीच सिर्फ सरकारों की चर्चा होती थी, लेकिन पहली बार विधानसभा के बदलते स्वरूप पर भी चर्चा हो रही है।