आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देश में सबसे बड़े राजनीतिक पार्टियों अपनी तैयारी को तेज कर रही है। इस बार देश में लोकसभा चुनाव के लिए कई मुद्दों को उठाया जा रहा है जिसमें से एक जाति गणना भी है। जिसको लेकर पिछले महीने से ही राजनीतिक खेली जा रही है। बता दे कि पहले बिहार राज्य में जाती है जनगणना करवाई गई इसके बाद उनके द्वारा आंकड़े भी जारी किए लेकिन अब बात है उत्तर प्रदेश की जहां जाति गणना करवाने का दबाव सरकार पर बनाया जा रहा है। जिसको लेकर भाजपा के कार्यालय और कार्यक्रम में इस मुद्दे को लेकर बातचीत की जा रही है। अब भाजपा अपनी वोट बैंक में दलितों को अपने साथ लाने के लिए कई रणनीतियों में बदलाव करते हुए नजर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो बीजेपी के कार्यालय में अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की तस्वीर के साथ-साथ बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की तस्वीर भी लगाई जाएगी इतना ही नहीं बल्कि बीजेपी या प्रदेश में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा स्थलों और मूर्तियों की साफ सफाई और उनका जीर्णोधार भी करवाएगी।
विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर जातीय जनगणना करवाने का दबाव डाल रही थी इसी को लेकर विपक्ष के जाति आधारित गणना के दाग से उबर के लिए भारतीय जनता पार्टी अब इस बात में जुटी हुई है कि इस वक्त उनका ध्यान केंद्र में है। पार्टी ने वोट बैंकों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए गरीब दलित वंचित को साधने के मुंह में भी शुरू करती है इसी सिलसिले में पार्टी से प्रदेश के नेतृत्व में दलित सांसदों और विधायकों को हालिया बैठक में अधिक से अधिक लोगों को बीजेपी से जोड़ने को लेकर सवाल भी किए गए। फिलहाल मेरी जानकारी के अनुसार पार्टी के एक जनप्रतिनिधि कहां है कि अनुसूचित वर्ग के बच्चों के छात्रावास खस्ता lहाल है उन्हें सुधारने की ज्यादा जरूरत है ।