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एक्सप्रेस वे का शुभारंभ होने से भाजपा को मिल सकती रफ्तार, वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए जुटी सरकार

उत्तर प्रदेश में कुछ माह बाद होंने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भाजपा सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके जरिए भाजपा खासकर पूर्वांचल में वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए जुट गयी है।

उत्तर प्रदेश में कुछ माह बाद होंने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भाजपा सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके जरिए भाजपा खासकर पूर्वांचल में वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए जुट गयी है। चुनावी साल में एक्सप्रेस वे का शुभारंभ होने से भाजपा को रफ्तार मिल सकती है। इसी कारण सरकार का पूरा अमला इसकी ब्रांडिंग में जी-जान से जुटा है। प्रधानमंत्री मोदी के हांथों इसका उद्घाटन होगा, जिससे पूर्वांचल के वोटरों को एक बड़ा संदेश जाए।
 प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह ने यहां की कमान अपने हांथों में सभाल रखी है
भाजपा के लिए पूर्वांचल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृहजनपद गोरखपुर और प्रधानमंत्री की संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी इसी में शामिल है। 2014 का लोकसभा हो, या फिर 2017 का विधानसभा चुनाव रहा। फिर 2019 चुनाव रहा यहां पर भाजपा को अच्छी सफलता मिली है। उसी क्रम को बरकार रखने के लिए भाजपा का यहां पर ज्यादा जोर है। इसी कारण खुद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह ने यहां की कमान अपने हांथों में सभाल रखी है। यूपी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूरी तरह बनकर तैयार है। इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में करेंगे।
भाजपा को 2017 में तकरीबन 115 सीटें मिली थी
एक्सप्रेसवे उन जिलों को जोड़ता है जिन्हें अक्सर पूर्वांचल की जीवन रेखा कहा जाता है, जो कई पिछड़ी जातियों और दलित समुदायों के घर हैं। पूर्वांचल में करीब 28 जिले आते हैं, जो राजनीति की दशा-दिशा बदलने में सहायक होते हैं। यहां पर भाजपा को 2017 में तकरीबन 115 सीटें मिली थी। जिसकी बदौलत वह सत्ता पर पहुंचे थे। जबकि सपा को 17 सीटें हासिल हुई थी। बसपा के खाते पर भी 14 सीटे आई थी। कांग्रेस को 2 जबकि अन्य के खाते में 16 सीटें मिली थी। जुलाई 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया तो लोगों को इस क्षेत्र का पिछड़ापन दूर होंने की आस जगी थी।
पूर्वांचल के शहर राजधानी लखनऊ व राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़े होंगे
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) सिक्स लेन एक्सप्रेसवे लखनऊ के चंदसराय से लेकर गाजीपुर के हैदरिया तक 340.824 किमी का एक्सप्रेस वे बनाया गया है। यह पूर्वांचल के शहर राजधानी लखनऊ व राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़े होंगे। आठ से 10 घंटे का सफर सिमटकर चार से छह घंटे रहा जाएगा। यूपीडा के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के दायरे में आने वाले जनपदों में कारोबारी गतिविधियों को नया विस्तार देने के लिए एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर स्थानीय श्रम शक्ति को सेवायोजित भी करेंगे। पांच इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। एक्सप्रेसवे पर सुल्तानपुर में बकायदे 3.2 किमी लंबी सड़क को वायुसेना की हवाई पट्टी के रूप में ही विकसित किया गया है। युद्ध जैसी विषम परिस्थिति में सीमा की सुरक्षा करने के लिए विमान के लैडिंग के लिए यह काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
 पूर्वांचल का विकास योगी प्राथमिकता पर है।
भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिले के विभिन्न मंडलों में बैठक कर अधिक से अधिक लोगों के सुल्तानपुर जनसभा में भाग लेने की व्यवस्था में लगी हुई है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताकर चुनाव में एक बड़ी उपलब्धि दिखाने का काम करेंगे।वरिष्ठ राजनीतिक विष्लेषक रतनमणि लाल कहते हैं कि पूर्वांचल का विकास योगी प्राथमिकता पर है। पूरे इलाके में उनका एक प्रभाव है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को प्राथमिकता इसलिए भी दी गयी क्योंकि अखिलेश सरकार ने लखनऊ, आगरा एक्सप्रेस वे को काफी महत्वपूर्ण माना गया क्योंकि टाप के अधिकारी वहीं लगे रहते थे।
 ग्राउंड सर्वें किसी चीज के लिए कमीं नहीं होनी दी जाएगी। आगरा एक्सप्रेसवे का रूट समाजवादी का गढ़ माने जाने वाले इलाका से गुजारा गया है। कानपुर देहात, कन्नौज, मैनपुरा ,आगरा से गुजरता है। इस पर आरोप भी लगा कि जानबूझ कर ऐसे रूटों से निकाला गया जो पहले प्लान में नहीं था। इसका लाभ भले अखिलेश यादव को चुनाव जीतने में न मिला, लेकिन उस क्षेत्र में एक प्रभाव बना है। इस बात को आज तक वह भुनाते हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे ठीक इसी तरह अपने प्रभाव के क्षेत्र से निकाला गया है।

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