परिवार नियोजन के लिए विभिन्न तरीके अपनाए जाते है। जिसमे नसबंदी ऐसा रास्ता है जहा महिला या पुरुष बेफिक्र हो जाते है। लेकिन नसबंदी से जुड़ा एक बेहद ही लापरवाही का मामला समाने आया है। उत्तर प्रदेश के बांदा में जहां आठ महिलाओं द्वारा नसबंदी कराने के बाद भी वे गर्भवती हो गईं।
यहां – यहां पर हुई शिकायत
दरअसल गर्भनिरोधक के स्थाई समाधान के लिए बड़ी संख्या में पुरुषों एवं महिलाएं नसंबदी करवाती हैं। नसबंदी कराने के बाद भी, उनका गर्भ ठहर गया है। मिली जानकारी के अनुसार नसबंदी के बाद भी गर्भ ठहरने के मामले, स्वास्थ्य केंद्र बबेरू से तीन। बिसण्डा से दो, बड़ोखर,कमासिन और जिला अस्पताल से एक-एक डिफाल्टर केस सामने आए हैं। लिहाजा पीड़ित महिलाओं द्वारा फौरन इसकी शिकायत सीएमओ ऑफिस में की गई।
इसकी जांच पड़ताल शुरू
जहां मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच पड़ताल शुरू की गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सकों की लापरवाही का शिकार हुई पीड़ित महिलाओं को राहत देने के लिए 60-60 हजार रुपये सरकारी मदद दिलाने की फाइल बनाने में जुट गया। अक्सर देखा गया है कि, नसबंदी करा महिलाएं बेफिक्र हो जाती है। उन्हें अब गर्भवती होने की चिंता नहीं रहती। मगर इस तरह की लापरवाही उन्हें बड़ी मुसीबत में डाल सकती हैं। ऐसे में सरकार द्वारा आयोजित इन नसबंदी शिविरों से महिलाओं का भरोसा उठता जा रहा है।