मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के दुष्प्रभाव से किसानों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कृषि विभाग को निर्देशित किया कि इस सम्बन्ध में किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करे। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पराली जलाने पर किसानों के साथ कोई दुर्व्यवहार अथवा उत्पीड़न न हो। एक सकारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली के उपयोग के लिए नवीन प्रयोगों को बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि पराली से जैव ईंधन /बिजली तैयार किए जाने के सम्बन्ध में पूर्व स्वीकृत/सहमत परियोजना की समीक्षा कर इसका उपयोग बढ़ाया जाए जिससे किसानों को पराली से आय होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली का बेहतर उपयोग जहां एक ओर किसानों की आय को दोगुना करने में मददगार सिद्ध होगा, वहीं दूसरी ओर इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने जैव ईंधन को प्रोत्साहित करने के लिए रूचि लेकर कार्य किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों से की जा रही धान खरीद से सम्पूर्ण राज्य में बड़ी संख्या में कृषक लाभान्वित हो रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने इस कार्य को इसी प्रकार प्रभावी ढंग से जारी रखे जाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसानों की उपज का भुगतान 72 घंटे में होगा।