उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को काबू करने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रैपिड एन्टीजन टेस्ट की संख्या को बढ़ाकर एक लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जाने की जरूरत जताई है। योगी ने शनिवार को अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा बैठक में कहा कि कोरोना संक्रमण को काबू में करने के लिये हर रोज एक लाख रैपिड एंटीजेन टेस्ट किये जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रति 10 दिन में 10 लाख टेस्टिंग किट प्राप्त की जाएं। उन्होंने आरटीपीसीआर तथा रैपिड एन्टीजन टेस्ट के द्वारा मेडिकल टेस्टिंग की संख्या को बढ़ाने तथा सोमवार तक कुल टेस्ट की संख्या को एक लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जाने के निर्देश दिए । उन्होंने मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को आज कानपुर तथा झांसी एवं रविवार को प्रयागराज तथा मिर्जापुर मण्डलों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की मौके पर समीक्षा करने के निर्देश दिए। यह समीक्षा बैठक मेडिकल कॉलेज अथवा स्वास्थ्य केंद्र में आहूत की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य द्वारा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, डोर-टू-डोर सर्वे, संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध पाए गए लोगों का रैपिड एन्टीजन टेस्ट, एम्बुलेंस व्यवस्था, एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालय, कोविड बेड की संख्या, एल-3 कोविड अस्पताल में कोमॉरबिडिटी वाले रोगियों के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम की उपलब्धता, मेडिकल कॉलेजों सहित सभी चिकित्सालयों में डॉक्टरों द्वारा राउण्ड लिए जाने, होम आइसोलेशन एवं पेड आइसोलेशन की व्यवस्था की समीक्षा की जाए।
उन्होने कहा कि इन समीक्षा बैठकों की रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध कराई जाए। सम्बन्धित मण्डलायुक्त अपने मण्डल के प्रत्येक जिले में इस कार्ययोजना को लागू करायें। इन मण्डलों में तैनात नोडल अधिकारियों को अपने प्रभार वाले जिले में पांच दिन कैम्प करके इन व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित कराने के निर्देश भी दिए गये।
योगी ने कहा कि आज और कल प्रदेश में संचालित किए जा रहे विशेष स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन अभियान में कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। नगर विकास, ग्राम्य विकास तथा पंचायतीराज विभागों द्वारा सघन रूप से स्वच्छता सम्बन्धी गतिविधियां सम्पादित की जाए। ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में सेनिटाइजेशन के साथ-साथ एन्टी लार्वा रसायनों का छिड़काव तथा फॉगिंग का कार्य कराया जाए। जल जमाव को दूर किया जाए।
उन्होने कहा कि कोविड-19 के उपचार की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए कार्यों का नियोजन किया जाए। प्रत्येक उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पृथक-पृथक जिम्मेदारी सौंपी जाए। इस व्यवस्था की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाए। कार्य करने के साथ-साथ डाटा फीडिंग के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए।