उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को ले जाने के लिए 1000 बसें चलाने की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की पेशकश को स्वीकार कर लिया है। सरकार ने कांग्रेस से 1000 बसों के साथ साथ उनके चालकों और परिचालकों की सूची मांगी है। प्रियंका के निजी सचिव को भेजे पत्र में अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रवासी मजदूरों के सिलसिले में 16 मई को पत्र के माध्यम से की गयी पेशकश स्वीकार कर ली गयी है। अवस्थी ने कहा कि 1000 बसों, उनके चालकों और परिचालकों के नाम और अन्य ब्योरे की सूची बिना देरी मुहैया करायी जाए ताकि इन बसों का उपयोग प्रवासी मजदूरों के लिए किया जा सके। प्रियंका ने योगी को पत्र भेजकर उक्त पेशकश की थी। प्रियंका का पत्र राज्य कांग्रेस इकाई के नेताओं ने मुख्यमंत्री कार्यालय को दिया था।
बता दें इससे पहले प्रियंका ने ट्वीट कर कहा था कि ‘‘प्रवासी मजदूर भारी संख्या में घर जाने के लिए गाजियाबाद के रामलीला मैदान में जुटे हैं।सरकार से कोई व्यवस्था ढंग से नहीं हो पाती। यदि एक महीने पहले इसी व्यवस्था को सुचारू रूप से किया जाता तो श्रमिकों को इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती।’’ कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने दावा किया, ‘‘कल हमने 1000 बसों का सहयोग देने की बात की, बसों को यूपी बॉर्डर पर लाकर खड़ा किया तो सरकार को राजनीति सूझती रही और हमें अनुमति तक नहीं दी।’’
प्रियंका ने आरोप लगाया, ‘‘विपदा के मारे लोगों को कोई सहूलियत देने के लिए सरकार न तो तैयार है और कोई मदद दे तो उसे लेने से इंकार कर रही है।’’ बता दें कि लगभग 980 बसें भरतपुर, अलवर और राजस्थान के अन्य हिस्सों को वापस लौट गईं, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी। अब कांग्रेस नए सिरे से आवेदन करने को तैयार है और उसके नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने वाले हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को योगी सरकार से उन बसों को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति देने का आग्रह किया था, जो सीमा पर पहुंच गई हैं और अब फंसी हुई हैं। उन्होंने उप्र के मुख्यमंत्री से एक वीडियो के जरिए अपील जारी की थी। लगभग 400 बसें बहाज गोवर्धन सीमा पर पहुंच गई थीं और कहा जा रहा है कि बसों में प्रवासी मजदूर हैं।प्रियंका गांधी ने राजस्थान के अलवर और भरतपुर से प्रवासियों को ले जाने के लिए 500 बसों की व्यवस्था की है, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि इन्हें यूपी सरकार से राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली।