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गन्ना किसानों को योगी सरकार की सौगात, डीबीटी से किया 418 करोड रूपये का भुगतान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गन्ना किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से 418 करोड़ रुपए का भुगतान जारी किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गन्ना किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से 418 करोड़ रुपए का भुगतान जारी किया। पिछले तीन साल के दौरान योगी सरकार के कार्यकाल में कुल मिलाकर 1,00,325 करोड़ रुपये के किसानों के गन्ने का भुगतान किया गया जो कि एक रिकार्ड है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुये कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार हर कदम पर पूरी शिद्दत से किसानों के साथ है। सरकार किसानों की आय दोगुना करने को लेकर लगातार कार्य कर रही है। गन्ना किसानों के पाई-पाई का भुगतान राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। 
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए किसानों से संवाद स्थापित करते हुए योगी ने कहा कि सुशासन का असली मानक लोगों की संतुष्टि है। चीनी उद्योग के लिए यह स्वर्णिम समय है। इस दौरान न सिर्फ रिकॉर्ड भुगतान हुआ बल्कि गन्ने और चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन भी हुआ। किसानों के परिश्रम ने प्रदेश में आज एक नई राह दिखाई है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने चीनी मिलें बंद की थीं, हमारी सरकार ने उसे फिर चालू करवाया। गोरखपुर में कभी तीन चीनी मिलें हुआ करती थीं और देखते ही देखते पिछली सरकारों के कार्यकाल में सभी चीनी मिलें बंद हो गई थीं लेकिन हमारे आने के बाद गन्ना विभाग ने पिपराइच में नई चीनी मिल स्थापित की। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब अन्नदाता किसानों की मेहनत के बूते हुआ। इस दौरान केंद्र एवं प्रदेश सरकार ने भी किसानों के हित को सर्वोपरि रखा। ‘‘कोरोना के कारण हुआ लॉकडाउन खेतीबाड़ी के लिए चुनौती था। गन्ने और गेहूं की फसल खेत में थी। हमें संक्रमण रोकते हुए किसानों का हित भी देखना था। हमने तय किया कि लॉकडाउन के सारे मानकों का अनुपालन करते हुए हम गेहूं और गन्ने की खरीद करेंगे। जब तक किसानों के खेत में एक भी गन्ना रहेगा चीनी मिलों को भी चलाएंगे। शासन और किसानों के बेहतरीन तालमेल के कारण ऐसा हुआ भी।’’ उन्होंने कहा कि आज का किसान टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ा है। टेक्नोलॉजी के माध्यम से बिना पर्ची के केवल मोबाइल फोन पर एसएमएस दिखा कर गन्ने की तुलाई संभव है। भुगतान के लिए अब इधर उधर भटकना नहीं पड़ता है। 
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के अंदर गन्ना विभाग ने सभी 119 चीनी मिलों का सफलतापूर्वक संचालन किया। ‘‘हम लोगों ने संकल्प लिया था कि जब तक किसानों के खेत में एक भी गन्ना रहेगा, तब तक चीनी मिल चलेगी और इस संकल्प को भी हमने पूरा कर लिया है। लॉकडाउन में सभी खांडसारी इकाईयां भी चलीं। प्रदेश भर के प्रगतिशील किसानों से लगातार संवाद का अनुभव हमारे लिए सुखद रहा।’’ 
उन्होंने कहा कि किसानों ने गन्ना उत्पादन और चीनी उत्पादन में अपने परिश्रम से उत्तर प्रदेश को फिर से नंबर एक स्थान पर पहुंचा दिया है। कोरोना संकट के शुरूआती चरण में मार्च प्रथम सप्ताह में अचानक सैनिटाइजर की कमी पड़ गई। 100 ग्राम की शीशी भी 400-500 रुपए में बिकने लगी। इस समस्या को देखते हुए गन्ना किसानों ने सैनिटाइजर बनाने का निर्णय लिया। इसके बाद सैनिटाइजर का इतना उत्पादन किया कि प्रदेश में हर विभाग को हमने सैनिटाइज़र निशुल्क उपलब्ध कराया। इसके साथ ही देश के सभी राज्यों को भी किफायती दरों पर सैनिटाइजर की आपूर्ति की गई। 
इस दौरान मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरनगर के किसान अरविंद मलिक, मेरठ के विनोद सैनी, संभल के सुधीर त्यागी, पीलीभीत के हरिमोहन गंगवार, लखीमपुर खीरी के परविंदर सिंह, अंबेडकर नगर के अमरेंद्र वर्मा, गोंडा के अनिल चंद्र पांडेय, गोरखपुर के रामसूरत मौर्य और कुशीनगर के देवेंद्र राय से बात भी की। कार्यक्रम को विभागीय मंत्री सुरेश राणा, राज्य मंत्री सुरेश पासी, अपर मुख्य सचिव एस भूसरेड्डी ने भी संबोधित किया। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बातचीत करते हुए गन्ना किसानों ने मोबाइल पर एसएमएस पर्ची व्यवस्था, ई-गन्ना एप और टोल फ्री नंबर शुरू करने पर योगी सरकार की इस व्यवस्था की तारीफ की।

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