उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार की दूसरी पारी में महिलाओं को भी मौका दे रही है। आगरा ग्रामीण क्षेत्र से नवनिर्वाचित विधायक बेबी रानी मौर्य को भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाकर पार्टी ने दलित और महिला दोनों को एक साथ साधने की पहल की है।
आगरा की महापौर रह चुकीं जाटव समाज से रखती है ताल्लुक
उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और आगरा की महापौर रह चुकीं 65 वर्षीय (जन्म तिथि 15 अगस्त 1956) बेबी रानी मौर्य जाटव समाज से हैं। बीएड और कला में परास्नातक बेबी रानी करीब तीन साल तक उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं और सितंबर, 2021 में उन्होंने कार्यकाल के समाप्ति से पहले अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। उसी दौरान बेबी रानी के सक्रिय राजनीति में आने की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं। इसके बाद भाजपा ने उन्हें संगठन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया और फिर विधानसभा चुनाव में उन्हें मौका दिया, जिसमें वह विजयी रहीं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं बेबी रानी
बेबी रानी राज्य बाल आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं। इससे पहले 2007 में एत्मादपुर से भाजपा के टिकट पर भी उन्होंने चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गयी थीं। बेबी रानी के पति प्रदीप कुमार सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक के उच्चाधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। बेबी रानी ने 1995 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी और तभी वह आगरा की महापौर भी बनी थीं। इसके बाद वह पार्टी संगठन में कई पदों पर रहीं।