एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के बाहर एक घंटे से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद 25 वर्षीय एक युवक की मौत हो गई, क्योंकि वहां कोई स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं था। ये मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले का है। परिवार ने आरोप लगाया कि मरीज को मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर तक ले जाने के लिए कोई स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराया गया और उन्हें कॉलेज परिसर में एक घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा।
वही, उस वक्त कोई डॉक्टर भी नहीं मिला। युवक राजू वर्मा मंगलवार को खुले नाले में गिर गया था और ड्यूटी पर मौजूद एक होमगार्ड ने उसे बचाया था। होमगार्ड ने उसे ई-रिक्शा से घर भेज दिया। उसके बाद उसके भाई दीपक और कमल उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए।
ICU बेड से थे भरे पड़े
मृतक युवक के भाई दीपक ने कहा, ‘मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर हमने स्टाफ से स्ट्रेचर देने के लिए अनुरोध किया, लेकिन किसी ने हमारी बात पर ध्यान नहीं दिया। लगभग आधे घंटे के इंतजार के बाद हम उसे कॉलेज परिसर के अंदर ट्रॉमा सेंटर के गेट पर ले गए और उसे लिटा दिया। मेरे भाई के बार-बार अनुरोध के बावजूद कोई मेडिकल स्टाफ नहीं आया। कुछ मिनटों के बाद उसकी मौत हो गई।’
इस घटना के बारे में बात करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि सोमवार को ट्रॉमा सेंटर में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण उस समय बिस्तर उपलब्ध नहीं था। प्रिंसिपल ने संवाददाताओं से कहा, ‘आईसीयू में बेड भरे हुए थे और कुछ मरीज स्ट्रेचर पर भी पड़े थे। जब मरीज राजू पहुंचे तो एक भी स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं था।’