45 करोड़ पुरानी मछली Dinosaur का भी चख चुकी है खून, शरीर में नहीं एक भी हड्डी, जानें इसके चौंकाने वाले राज

45 करोड़ पुरानी मछली Dinosaur का भी चख चुकी है खून, शरीर में नहीं एक भी हड्डी, जानें इसके चौंकाने वाले राज
Published on

विश्व में ऐसे कई रहस्य छुपे है जिन्हें कभी-कभी समझ पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है। वहीं धरती से ज्यादा राज समु्ंद्र की गहराई में छुपे हुए है। क्योंकि अभी तक वैज्ञानिक भी समुंद्र कितना गहरा है इसका सही अनुमान नहीं लगा पाए है। ऐसे में वहां कितने ऐसे जीव मौजूद है जिनके बारे में हम अभी तक नहीं जानते है और जब ये जीव हमारे सामने आते है जो ये हम सभी को शॉक्ड कर देते है।

बता दें, वैज्ञानिकों को एक ऐसी मछली के बारे में पता चला है जिसने डायनासोर का खून भी चख रखा है और ये लगभग 45 करोड़ से धरती पर मौजूद है। रिपोर्ट के मुताबिक इस मछली का नाम लैंप्रेज़ है। ये उत्तरी प्रशांत महासागार के मीठे पानी वाले इलाकों में पाई जाती है। वहीं, वैज्ञानिकों को माने तो ये मछली कुछ ठोस नहीं खा सकती है और सिर्फ तरल पदार्थ लेकर ही अपने जीवन जीती है। यानी की ये मछली अपने शिकार का सिर्फ खून चूसकर अपना पेट भरती है और इसी तरह ये शिकार भी करती है।

हैरानी की बात है, ईल जैसी दिखने वाली इस मछली के जबड़े नहीं होते फिर भी ये अपने शिकार को बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतारती है। क्योंकि जबड़े के बजाय, इनके पास दांतों से घिरा एक चूसने वाला मुंह होता है, जिसका इस्तेमाल ये अपने शिकार को दबोचने और खून निकालने के लिए करती हैं। वहीं चौंकान वाली बात है कि इस इस मछली के शरीर में एक भी हड्डी नहीं है।


बता दें, ये रहस्यमी मछलियां चार बार विलुप्त होने की कगार तक पहुंच गई थे लेकिन ये वापस से अस्तिव में आ गए क्योंकि मादा लैंप्रेज एक बार में 2 लाख अंडे देती है। वहीं इन मछलियों के बारे में कहा जा रहा है कि मौजूदा समय में पैसिफिक लैंप्रेज़ की 40 प्रजातियां हैं।

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com