बिमल डेका, परिवार का मुखिया, उनकी पत्नी अनीमा और उनके तीन बच्चे नरेन, दिपाली और सियुती इस गांव में आज के समय में रहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बिमल डेका के बच्चों ने बताया कि उन्हें कीचड़ से भरे रस्ते पर लगभग 2 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता हैं जिसके बाद जा कर वो स्कूल पहुचंते हैं। बारिश में वे सिर्फ नाव से ही चलते हैं। बिमल ने इतने मुश्किल हालातों में भी अपने तीनों बच्चों को अच्छी शिक्षा दी है। नरेन और दिपाली दोनों ग्रेजुएशन कर चुके हैं और वहीं सियुती 12वीं क्लास में पढ़ती हैं। उनका कहना है कि गांव पंचायत और नगर निगम उस क्षेत्र को ही नहीं देखते। इससे गांव की स्थिति बदतर हो गई है। कुछ सालों पहले बिष्णुराम मेधी ने सड़क का उद्घाटन किया था लेकिन अब उस सड़क की हालत भी बहुत ज्यादा ख़राब हो चुकी हैं।