Catacombs of Paris: तहखाने में सजा कर रखा गया है 60 लाख हड्डियों को, यहां जाने से पहले लोगों को दी जाती हैं ये हिदायत…

इस जगह को कैटकॉम्ब्स ऑफ पेरिस (Catacombs of Paris) कहा जाता है। यहां पर एक नहीं बल्कि 60 लाख से ज्यादा लोगों की खोपड़ियां और हड्डियां रखी हुई हैं। बता दें, ये जमीन से 20 मीटर की गहराई में एक तहखाना है, जिसमें लाखों मुर्दों की खोपड़ियां
Catacombs of Paris: तहखाने में सजा कर रखा गया है 60 लाख हड्डियों को, यहां जाने से पहले लोगों को दी जाती हैं ये हिदायत…
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दुनिया में ऐसी कई डरावनी जगह है जहां जाना तो दूर लोग सोचने से भी डरते है। यहां की आभा और इतिहास ही इतना भयंकर होता है कि वहां जाने से पहले ही लोगों का शरीर ही सुन्न पड़ जाता है। दुनिया में इन कई रहस्यमयी जगहों में से एक प्लेस फ्रांस की राजधानी पेरिस में भी है। जहां जाने से पहले ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। साथ ही ये जगह इतनी डरावनी है कि यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी चुकी है।
कैटकॉम्ब्स ऑफ पेरिस 
इस जगह को कैटकॉम्ब्स ऑफ पेरिस (Catacombs of Paris) कहा जाता है। यहां पर एक नहीं बल्कि 60 लाख से ज्यादा लोगों की खोपड़ियां और हड्डियां रखी हुई हैं। बता दें, ये जमीन से 20 मीटर की गहराई में एक तहखाना है, जिसमें लाखों मुर्दों की खोपड़ियां जमा हैं। वहीं, यहां हड्डियों की इस तरह से सजाया गया कि यहां 2 किलोमीटर कि दीवार खड़ी हो गई है। साथ ही ये सुरंगनुमा तहखाना लगभग 320 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। 
कैटकॉम्ब्स ऑफ पेरिस का राज
ऐसे में आप भी सोच रहे होंगे की यहां इतनी बड़ी संख्या में खोपड़ियां और हड्डियां को क्यों रखा गया है। तो बता दें, कब्रिस्तानों में लाशों को दफनाने की जगह ना मिलने के कारण लाशों को ऐसे रखा गया था। दरअसल, 17वीं सदी में पेरिस में आबादी तेजी से बढ़ने लगी, साथ में मौतें भी बढ़ीं। वहीं कब्रिस्तानों की कमी की वजह से बहुत सी लाशें सड़ने लगीं। खराब होती लाशों से बीमारियां फैलने का डर था. तब उस दौर में शहर के सबसे बड़े कब्रिस्तान Saint Innocents-cemetery में भी कब्रों की संख्या ओवरफ्लो कर गई थी। ये देखते हुए परेशान अफसर कब्रिस्तानों को खाली करने का कोई तरीका सोचने लगे ताकि नई मौतों में अंतिम संस्कार किया जा सके।
इस बीच Saint Innocents-cemetery की एक बड़ी दीवार गिर गई। इसपर आनन-फानन में फ्रेंच अफसरों ने एक तरीका सोचा. शहर के एक हिस्से पर जमीन की गहरी और लंबी-चौड़ी खुदाई कर कब्रगाह बनाई गई। इसके बाद पुराने क्रबिस्तानों से सारी लाशें निकाली गईं और उन्हें ढोकर उस जगह पहुंचाया गया, जहां तहखाना तैयार हो चुका था, और फिर उन अधगली लाशों को तहखाने में एक साथ दफना दिया गया। लाशों को ढोने और निश्चित जगह तक पहुंचाने की मुहिम साल 1780 से 1814 तक चली।
1874 में खुला था तहखाना 
इस सुरंगनुमा तहखाने को 1874 में लोगों के लिए खोला गया था तब से लेकर अब तक करोड़ों लोग यहां आ चुके हैं। बता दें, यहां जाने से पहले लोगों को हिदायत दी जाती है कि अगर वे किसी खास गंध, संकरी जगह या हड्डियों को देखने से डरते हैं तो यहां न जाएं। कई बार यहां ऐसी भी घटना हुई है कि कुछ एडवेंचर पसंद करने वाले युवा तहखाने के अंदर उस जगह चले गए जहां जाना मना था, जिसके बाद वे कभी वापस लौट कर नहीं आएं। हालांकि कैटकॉम्ब्स ऑफ पेरिस को देखने के लिए दूर से लोग आते है, ये लोग वहां वक्त बिताते हैं और बाहर आ जाते हैं। इस दौरान ये नीचे जाने से पहले मैप तैयार करते हैं ताकि मुर्दों के बीच खो न जाएं। पेरिस में हालांकि ऐसे बहुत ही कम लोग हैं, जिनके पास नीचे पहुंचने और वहां से लौटने की जानकारी है। ये लोग cataphiles कहलाते हैं और बहुत छोटे से समुदाय में रहते हैं। बाहरी लोगों को ये अपने समूह में और एडवेंचर में शामिल नहीं करते हैं।

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